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क्रिसमस-डे स्पेशल: कोरोना काल में लोग इस तरह मना रहे प्रभु यीशु मसीह का जन्मदिन

प्रभु यीशु मसीह

भोपाल- पूरी दुनिया आज क्रिसमस का त्योहार मना रही है। 25 दिसंबर का दिन पूरी दुनिया में प्रभु यीशु के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। प्रभु यीशु के प्रेम, शांति, भाईचारे और क्षमा के संदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। क्रिसमस पर वैश्विक महामारी कोरोना का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है। पहले क्रिसमस की तैयारी एक माह पहले से शुरू होने लगती थी। लोग कई प्रकार के आयोजन और केक पकवान बनाने में जुट जाते थे, लेकिन कोरोना की वजह से इस साल लोग घरों में रहकर प्रभु यीशु मसीह का जन्मदिन मना रहे हैं।

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क्रिसमस पर कोरोना का प्रभाव

महामारी के कारण गिरिजा घरों में प्रार्थना सभा के नियमों में भी फेरबदल किया गया है। 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चे औऱ 60 साल से ज्यादा आयु के बुजुर्गों को सभा में आने की मनाही है। बीमार और गर्भवती महिलाओं को भी इस दौरान भीड़ से बचने को कहा गया। कुल मिलाकर प्रार्थना सभा में शामिल होने वाले लोगों की संख्या में भी कटौती की गई है। क्रिसमस के दिन प्रार्थना सभा में शामिल होने के लिए इस बार ऑनलाइन व्यवस्था की गई हैय़

प्रभु यीशु मसीह के बारे में 

आज से हजारों साल पहले नासरत में गेब्रियल नाम के स्वर्गदूत ने मरियम को दर्शन दिए और कहा कि वह एक पवित्र आत्मा की ओर से गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी, ‍उसका नाम यीशु रखना। 25 दिसंबर को यीशु मसीह का जन्म एक कच्ची झोपड़ी में होता है। प्रभु यीशु मसीह का जीवन, कर्म और मृत्यु सब अद्भुत है। अपनी मृत्यु से पहले वे अपने शिष्यों से कहा करते थे कि ‘कोई मेरे प्राण मुझसे नहीं छीनता मुझे अपने प्राण उसे देने और वापस लेने का अधिकार है। लकड़ी के एक बड़े क्रॉस पर बांधकर उन्हें मार दिया जाता है। मरने के तीसरे दिन बाद प्रभु यीशु फिर से जी उठते हैं।

प्रभु यीशु  की आज्ञा के अनुसार उनके शिष्यों ने दुनियाभर में उनके चमत्कारों का प्रचार-प्रसार किया। शिष्कीयों ने लोगों को बताया की प्रभु यीशु एक जीवित परमेश्वर है जिसने सारे विश्व को बनाया है। वे पापी मनुष्य के बदले में अपने प्राण देने के लिए संसार में आये हैं और इस पर विश्वास करने वाले करोड़ों लोगों को शांति और नया जीवन मिला है। प्रभु यीशु के जीवन की सारी कहानी पवित्र धार्मिक ग्रंथ बाइबल में मिलती है जो संसार की लगभग 2000 भाषाओं में उपलब्ध है।

 

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