



दमोह :– जिले के जिस विभाग में नजर दौड़ाएं तो उसी विभाग में भारी भ्रष्टाचार नजर आएगा। मनरेगा में लूट खसोट सरकारी धन का बंदरबांट अनवरत चल रहा है, जिले की बटियागढ़ जनपद पंचायत में मनरेगा ही नही अन्य योजनाओं में भी जमकर पलीता लगाया जा रहा हैं। कहने को तो यहां खासा विकास हुआ है लेकिन जितना विकास हुआ है वह सब कागजों में ही देखने मिलेगा और धरातल पर कही नही। इस जनपद की शहजादपुरा पंचायत में तो विकास की गंगा बह रही है यहां तक कि गंगाजल अब सीमाएं तोड़ता हुआ दूसरी पंचायत में घुस गया।

कार्यक्षेत्र से हटकर किए विकास कार्य :- दरअसल शहजादपुरा पंचायत ने अपने कार्यक्षेत्र से हटकर बटियागढ़ ग्राम पंचायत में भवनों की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया, मजे की बात तो यह है कि बटियागढ़ पंचायत में किए कार्य में जमकर भ्रष्टाचार किया गया, एक भवन की मरम्मत के लिए दो जगह से पैसे स्वीकृत किए गए, और जिला पंचायत से इस घोटाले के लिए समय समय पर प्रशासकीय स्वीकृति भी मिलती रही। इन भवनों के मरम्मत कार्य में एक किलोमीटर से कम दूरी से रेत का परिवहन के किराए के रूप में पचास हजार का भुगतान हुआ है।
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ऐसे हुआ गड़बड़झाला :- शहजादपुरा ग्राम पंचायत ने बटियागढ़ ग्राम पंचायत के जनपद पंचायत भवन में मीटिंग हॉल एवं कमरों की छत का निर्माण कार्य किया, जो जनपद स्तर मद से 7 लाख 75 हजार से स्वीकृत हुआ जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति 12 दिसंबर 2022 को जिला पंचायत सीईओ ने की थी। इसी तरह अन्य मद से करीब दस लाख रुपए से जनपद पंचायत भवन मरम्मत कार्य पार्ट–1 किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृत 23 जून 2023 को जिला पंचायत सीईओ ने की थी। इसी तरह जनपद पंचायत भवन मरम्मत कार्य पार्ट–2 भी किया गया, जिसकी प्रशासकीय स्वीकृति भी 23 जून 2023 को ही जिला पंचायत सीईओ ने की थी। यह कार्य भी करीब 10 लाख रुपए से स्वीकृत हुआ था। बताया जा रहा है कि मनरेगा भवन की मरम्मत में ही शहजादपुरा ने लाखों रुपए खर्च कर दिए। जिसमे भ्रष्टाचार होने के आरोप लग रहे हैं।

एक किलोमीटर परिवहन में 50 हजार रुपए किराया :- शहजादपुरा ग्राम पंचायत में भ्रष्टाचार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि करीब 28 लाख से हुए इन मरम्मत कार्यों में जो रेत लगाई गई वह निर्माण स्थल से 500 मीटर की दूरी से बुलवाई गई जिसका किराया ही 50 हजार रुपए प्रति ट्रक दिया गया है, तो वही दूसरे बिल में निर्माण स्थल से कुछ ही दूरी पर स्थित फुटेराकला गांव से 49 हजार 500 रुपए रेत के परिवहन पर खर्च किए गए। जब एक ट्रक रेत का भाड़ा 50 हजार रुपए लेने वाली फर्म के प्रोपाइटर को भनक ही नही कि उन्होंने रेत भी बेची है, उनके पास तो खनिज स्टॉक या बेचने का लाइसेंस भी नही है।

खास बात यह है कि ग्राम पंचायत शहजादपुरा में सरपंच जिला पंचायत उपाध्यक्ष के देवर और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र कटारे के भाई है, आरोप है कि इस कारण यह सब गड़बड़झाला चल रहा है और उसका समर्थन जनपद की अधिकारी रानू जैन भी कर रही हैं। जिस कारण यह भ्रष्टाचार की पाठशाला सुचारू रूप से चल रही हैं।