दमोह :– सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मनरेगा योजना केवल कागजी आंकड़ों तक सिमट कर रह गई है। जिम्मेदार इस योजना में जमकर लूट-खसोट कर सरकारी धन का बंदरबांट कर अपनी जेब भरने में लगे हैं। असल में जो इसके हकदार हैं मनरेगा मजदूर वह मारे-मारे फिर रहें हैं, तो वहीं जिम्मेदार इनके हक पर डाका डाल मौज कर रहे हैं। अगर कोई ग्रामीण इसकी शिकायत करता है तो जिम्मेदार अधिकारी मामले की लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
जनप्रतिनिधि हों या जिम्मेदार अधिकारी वे पलायन रोकने और रोजगार देने के लाख दावे करें लेकिन रोजाना रेलवे स्टेशन पर सैकड़ों लोग कुछ परिवार छोड़कर तो कुछ परिवार सहित रोजगार की तलाश में जाते देखे जा सकते है। जिससे साबित होता है कि जिम्मेदारों सारे दावे सिर्फ कागजी है जबकि हकीकत ठीक उससे उलट है।
मनरेगा योजना में सिर्फ कागजी मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है आज के दौर में मजदूरों की जगह बड़ी बड़ी दहाड़ती मशीनें जगह ले चुकी है। शासन भले ही योजना ने नाम पर दमोह जिले को करोड़ों अरबों रुपए दें लेकिन वह कमीशनखोरी की भेंट चढ़ ही जाते हैं। आज हम पिछले तीन वर्षो में बेरोजगार ग्रामीणों को सबसे ज्यादा रोजगार देने वाली जिले की जनपद पंचायत बटियागढ़ की बात करते हैं, जहां की पड़ताल करने पर भ्रष्टाचार के बड़े ही दिलचस्प मामले सामने आए हैं। जिसकी शिकायत भी की गई है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मामले की लीपापोती कर उसे ठंडे बस्ते में डाल देते हैं।
जनपद पंचायत बटियागढ़ के फुटेराकला ग्राम पंचायत के राजाराम श्रीवास्तव की शिकायत है कि पीएम आवास निर्माण कार्य में मजदूरी की थी जिसकी मजदूरी नही मिली।
इसी तरह जनपद में हुए भ्रष्टाचार को लेकर आयुष सिंह की शिकायत है कि इसी जनपद की सगरोन पंचायत में 25 लाख रुपए की लागत से मंगल लोधी के खेत के पास सेमरा नाला पर स्टॉप डेम बनाया जा रहा है जबकि नाले में पानी भरा हुआ है आयुष का आरोप है कि फर्जी मस्टर डालकर सरपंच सचिव और उपयंत्री मिलकर कागजी मजदूर दिखाते हुए राशि हड़प रहे हैं। आयुष ने कनौरा रामनगर में करीब 14 लाख रुपए की लागत से राकेश के खेत के पास बन रहे स्टॉप डेम में जिम्मेदारों द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने के आरोप लगाए है।
बटियागढ़ के आरके तिवारी का आरोप है कि बकायन पंचायत में खारी नाले के पास 25 लाख रुपए की लागत से स्टॉप डेम बनाया जा रहा है उसमे भी फर्जी मस्टर डालकर सरपंच सचिव और उपयंत्री मिलकर राशि हड़प रहे है, जबकि ठेकेदार मशीनों से निर्माण कार्य कर रहा है और नाले में पानी भरा हुआ है, साथ ही इस निर्माण कार्य में काली रेत और बेकार पत्थर भरकर किया जा रहा हैं।
वही ग्राम पंचायत आंजनी के सिरसी नाला पर करीब 14 लाख रुपए की लागत से बन रहे स्टॉप डेम और 14 लाख रुपए की लागत से ही गौशाला तक बनी सुदूर संपर्क सड़क की गुणवत्ता पर बीएस ठाकुर ने सवाल उठाया है, बीएस ठाकुर ने पंचायत के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इन दोनों कार्यों में लगभग 9–9 लाख रुपए का आहरण कर लिया गया।
ग्राम पंचायत हिनौती उदेशा में ग्रेवियन निर्माण, परकोलेशन टैंक कार्य में फर्जी मजदूरी दर्शाकर राशि हड़पने का आरोप सरपंच सचिव से लेकर उपयंत्री और जनपद की मुख्य कार्यपालन अधिकारी तक पर लगाए गए हैं।
इसी तरह का आरोप फतेहपुर पंचायत में परकोलेशन टैंक, ग्रेवियन रोड, खेल मैदान, खकरी निर्माण में भी हैं। आरोप है कि यहां के जिम्मेदारों ने कागजी मजदूरों से मजदूरी कराई है और उनके के नाम पर पैसे हड़प लिए है। इन निर्माण कार्य में हुए भ्रष्टाचार का आरोप पंचायत के रोजगार सहायक से लेकर जनपद के उपयंत्री और सहायक यंत्री सभी पर लगाया है।
यह जनपद क्षेत्र सबसे ज्यादा विकास के लिए जाना जाता है। इस विधानसभा से ही जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुनाव जीतकर क्षेत्र के विकास के लिए कसमें खा रहे हैं। जनपद पंचायत बटियागढ में (2021–22) 3829.22 लाख रुपये, (2022–23) 4381.46 लाख रुपये, (2023–24) अब तक 1436.36 लाख रुपये सिर्फ मनरेगा योजना में खर्च हो चुके हैं, और इस जनपद में जिम्मेदारों पर लगे आरोप क्षेत्र से ज्यादा अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के विकास की ओर इशारा कर रहे हैं।