दमोह :- मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद ने परस्पर सहमति के आधार पर संविदा कर्मियों के नवीन अनुबंध निष्पादित करने पर स्थानांतरण का प्रावधान किया गया है जिसके आधार पर जिला पंचायत दमोह के मनरेगा लेखा अधिकारी अवधेश गौतम, उपयंत्री आरके गोस्वामी और प्रियंका मोहे का स्थानांतरण किया गया है।
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ज्ञातव्य हो कि जिला पंचायत में पदस्थ लेखाधकारी अवधेश गौतम और उपयंत्री आर के गोस्वामी पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पूर्व में नौकरी करने के आरोप लग चुके है जिसकी जांच के बाद विभाग द्वारा इनकी संविदा सेवाए समाप्त कर दी गई थी फिर भी यह तिकड़मबाज नौकरी करते रहे और अब लगता है नए स्थान पर नया कारनामा करने की फिर तैयारी हो गई हैं।
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मनरेगा के लेखाधिकारी गौतम पर फर्जी शपथ पत्र के आधार पर शासकीय योजनाओ के लाभ लेने के पूर्व में आरोप लगे थे साथ ही जिले का सबसे बड़ा शौचालय घोटाले में तत्कालीन कलेक्टर ने गौतम की संविदा अवधि को वर्ष 2019 -20 से नही बढाये जाने का निर्णय लिया था। कलेक्टर ने यह निर्णय आयुक्त मध्यप्रदेश राज्य रोजगार गारंटी परिषद् भोपाल को दिये जांच प्रतिवेदन के आधार पर लिया था इनके साथ ही स्वच्छता मिशन की तत्कालीन जिला समन्वयक दीपमाला सिकरवर और लेखापाल अंशुल जैन की सेवाए समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा था।
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उपयंत्री आर के गोस्वामी पर दमोह जिले के बटियागढ़ जनपद पंचायत के आंजनी गाँव में कपिल धारा कूप के निर्माण में अनियमित्ताओ के कारण जांच दल ने इनकी संविदा सेवाए समाप्त करने का प्रस्ताव भेजा था परन्तु यह दोनों तिकड़मबाज अभी तक दमोह जिला पंचायत में अंगद के पैर की तरह जमे रहे जानकारी के अनुसार इनके विरुद्ध हुई जांच की फाइलें भी विभाग से गायब हो गई है। अब देखना यह होगा कि यह अपनी नई पद स्थापना पर वही शाही रवैया रखेंगे या सरकारी सेवक बनकर नियमानुसार कार्य करेंगे।