विकास कार्यों की हुई बौछार, प्रबुद्धजनों से चर्चा के दौरान लगे पक्षपात के आरोप, कार्यक्रम के अंत में महिलायें शिक्षक भर्ती को लेकर मांगती रहीं अपना हक़
दमोह – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आज दोपहर में होमगार्ड ग्राउण्ड स्थित हैलीपेड पर पहुंचे। इस अवसर पर केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद संसदीय क्षेत्र खजुराहो वी.डी. शर्मा, नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह भी उनके साथ आये। हैलीपेड में मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत उपस्थित जनप्रतिनिधियों द्वारा किया गया। इस दौरान लोक निर्माण मंत्री गोपाल भार्गव, वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष राहुल सिंह, नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष प्रद्धयुम्न सिंह, विधायक हटा, विधायक जबेरा, विधायक पथरिया, जिला पंचायत अध्यक्ष, पूर्व मंत्री जयंत मलैया, पूर्वमंत्री डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, पूर्व विधायक लखन पटैल और भाजपा जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे, जिनके द्वारा मुख्यमंत्री चौहान का आत्मीय स्वागत किया गया।
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शनिवार का दिन प्रदेश के किसानों के लिये खास रहा। दमोह से मुख्यमंत्री चौहान ने राज्य के 20 लाख किसानों को मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के तहत 400 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से उनके खातों में ट्रान्सफर की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनायेंगे। विकास में मध्यप्रदेश को पीछे नहीं रहने देंगे। हमारी सरकार किसानों, गरीबों, माताओं और बहनों के लिये काम करने वाली वाली सरकार है। कोरोना काल से अब तक विभिन्न योजनाओं के तहत हमने करोडों रुपये की राशि किसानों के खातों में भेजी है। आने वाले 15 दिनों के बाद हम पिछले साल खराब हुई फसलों की राहत राशि के तौर पर 1500 करोड़ रुपये की राहत राशि भी प्रभावित किसानों के खातों में ट्रान्सफर करेंगे। परन्तु सभा के अंत में महिलाये शिक्षक भर्ती को लेकर अपना हक़ मांगते दिखाई दीं।
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दमोह को दी 482 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों की सौगात
दमोह जिले को भी अपने प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होने राज्यस्तरीय कार्यक्रम में 482 करोड़ से अधिक लागत के कार्यों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया। इसमें महत्वूपर्ण रुप से 325 करोड़ की लागत से बनने वाले मेडिकल कॉलेज का भूमिपूजन भी मुख्यमंत्री द्वारा किया गया। इस दौरान उपचुनाव की उकताहट भी देखी गई।
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बुन्देलखण्ड की धरती तक पहुंचेगा केन-बेतवा का पानी
मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि लंबे समय से चल रहे केन-बेतवा का विवाद निपट चुका है। हम शीघ्र ही प्रधानमंत्री जी से मिलकर इस विषय पर चर्चा करेंगे और शीघ्र ही इन नदियों के पानी को बुन्देलखण्ड की धरती तक पहुंचायेंगे। मुख्यमंत्री ने दमोह के 446 गांवों में हर घर पर जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल के माध्यम से जल पहुंचाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा जिस तरह अभी तक दमोह की जनता ने अभी तक भाजपा को आशीर्वाद दिया है उसी तरह अब राहुल सिंह को भी आशीर्वाद दें और राहुल सिंह को दमोह विधानसभा से उप चुनाव में प्रत्याशी बताया।
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बीजेपी द्वारा ब्राह्मण समाज से पक्षपात क्यों..?
मुख्यमंत्री प्रवास के दौरान एक गार्डन में प्रबुद्धजनों से भी मिले। गार्डन में आयोजित कार्यक्रम में जिले के सभी वर्ग के प्रमुख लोग मौजूद थे। चर्चा में प्रबुद्धजनों ने दमोह के विकास के बारे में अपने सुझाव रखे। इसी दौरान ब्राह्मण समाज की ओर से मनोज देवलिया ने मुख्यमंत्री से प्रश्न किया कि जब से दमोह जिला अस्तित्व में आया है तब से जिले की किसी भी विधानसभा और लोकसभा क्षेत्र से ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को भाजपा ने टिकट नहीं दी जबकि जिले में ब्राह्मण समाज की जनसंख्या भी बहुत अधिक है भाजपा का ब्राह्मण समाज से ऐसा पक्षपात क्यों..? इसके जवाब में मुख्यमंत्री कुछ कहते उससे पहले दमोह सांसद प्रह्लाद पटेल इनकार करते हुए हाथ मिलाते हुए नजर आए।
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भाजपा नेता की मौत पर संवेदना तक नहीं दे पाए सीएम
मुख्यमंत्री ने अपने प्रवास के दौरान नगरीय क्षेत्र के सुभाष कॉलोनी में मन्नू लाल अहिरवार के निवास पर पहुंचकर दोपहर का भोजन किया जबकि इसी समाज से एक कर्मठ भाजपा कार्यकर्त्ता की एक दिन पूर्व असमय मौत हो गई उसकी पत्नी और बच्चे भाजपा कार्यलय में सीएम से चर्चा करने रुके रहे लेकिन सीएम ने शोक संवेदनाये तो दूर, दो मिनिट उनसे चर्चा तक नही कर पाए और मृतक के बच्चे मामा मामा कहकर उन्हें पुकारते रहे। बता दें कि मुख्यमंत्री के दमोह आगमन से एक दिन पूर्व भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता का शव सड़क किनारे जली अवस्था में मिला था। मुख्यमंत्री के आने से पूर्व भाजपा नेता का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी भरे हालत बन गए थे जिसे पुलिस ने आनन फानन ने शव के पोस्टमार्टम होने से पहले ही आत्महत्या की बात कहकर मामले को खत्म कर दिया था हालाकि परिजन इसके पीछे षडयंत्र की बात कर रहे हैं। प्रश्न यह भी उठता है कि क्या भोजन ही निदान है या समस्याओं को जड़ से खत्म करने के उपाय ढूंढना।
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