



शिवराज कैबिनेट ने लव जिहाद से जुड़े धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। इस कानून में 19 प्रावधान रखे गए हैं। बहुमत के हिसाब से देखें तो इस बिल को सदन से पास कराने में बीजेपी को कोई खास मुश्किल नहीं होने वाली
भोपाल- शिवराज कैबिनेट ने लव जिहाद से जुड़े धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद इसे विधानसभा में पास कराया जाएगा और विधानसभा में पास होने के बाद यह कानून बन जाएगा। इसके साथ ही मध्य प्रदेश धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 निरस्त हो जाएगा। इस कानून में 19 प्रावधान रखे गए हैं।
कानून के मुख्य बिंदु
- बहला फुसलाकर, या ज़बरदस्ती धर्मांतरण व शादी पर 10 साल की सजा का प्रावधान, यह अपराध गैर जमानती होगा।
- जबरन धर्मांतरण या शादी की शिकायत पीड़ित खुद या उसके माता पिता कर सकते हैं।
- सहयोग करने वालले भी मुख्य आरोपी होंगे और उन्हें आरोपी मानते हुए मुख्य आरोपी की तरह ही सजा होगी।
- जबरन धर्मांतरण या विवाह कराने वाली संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया जाएगा।
- इस प्रकार की संस्थाओं को दान देने या लेने वाली संस्थाओं का भी रजिस्ट्रेशन रद्द होगा।
- धर्मांतरण या धर्मांतरण के बाद होने वाले विवाह से 2 महीने पहले कलेक्टर को आवेदन देना होगा।
- बिना आवेदन धर्मांतरण करवाने वाले धर्मगुरू, मौलवी पादरी को 5 साल की सजा होगी।
- पीड़ित महिला और पैदा हुए बच्चे को भरण-पोषण हासिल करने का अधिकार होगा।
- आरोपी को ही निर्दोष होने के सबूत देना होगा।
- जबरन धर्म परिवर्तन पर 1 से 5 साल तक की कैद और 25,000 रुपये तक के न्यूनतम जुर्माना का प्रावधान
- खास वर्ग (नाबालिग, महिला व SC/ST के सदस्यों) के मामले में यह दोगुनी होगी.
विधेयक पास कराने में सरकार को नहीं होगी कोई परेशानी
230 सीटों वाली मध्य प्रदेश की विधानसभा में वर्तमान में 229 सदस्य हैं। इनमें से बीजेपी के 126, कांग्रेस के 96, बीएसपी के 2 और 4 निर्दलीय विधायक हैं। ऐसे में इस बिल को सदन से पास कराने में बीजेपी को कोई खास मुश्किल नहीं होने वाली। गौरतलब है की मध्य प्रदेश में उपचुनाव की तारीखों के एलान के बाद दमोह से कांग्रेस विधायक राहुल लोधी ने इस्तीफा दे दिया था।