



हेल्थ कमिश्नर के जिला अस्पताल का जायजा लेने से पहले कौड़ी के दामों में बेची गई अस्पताल की सामग्री

दमोह– दमोह प्रवास पर पहुंचे लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त आकाश त्रिपाठी, जिले के अन्य अधिकारियों के साथ देर शाम जिला अस्पताल का जायजा लेने भी पहुंचे। उन्होंने मुख्य अस्पताल सहित अस्पताल के लगभग सभी विभागों का निरीक्षण किया। सफाई व्यवस्था को लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की और जिला अस्पताल की सुविधाएं तथा खामियां भी देखी जिन्हे दुरस्त करने के निर्देश दिए।
इस दौरान उन्होंने कहा “केस बड़ी संख्या में आ रहे है जिसकी शासन स्तर पर चिंता थी उसे रोकने का प्रयास करना है और सोर्स पता करना है।

सेम्पिल का टारगेट बढ़ाया है वैक्सीनेशन बढ़ाने की आवश्यकता है। तीसरी लहर रोकने की तैयारी कर रहे हैं यहां 25-30 परसेंट तैयारी हो चुकी है कार्य पूर्ण होने पर अतिरिक्त कैपिसिटी में सुविधाएं उपलब्ध होगी। ऑक्सीजन प्लांट भी जल्दी तैयार होगा।
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विदित हो कि मीडिया में लगातार जिला अस्पताल की खामियों को उजागर किया जा हैं। हाउसकीपिंग का कार्य अनुभवहीन लोगों के हाथों में और रसोई का संचालन में अव्यवस्था देखने को मिली हैं। हाउसकीपिंग और रसोई से संबंधित प्रश्न के जवाब में उनका कहना है कि निश्चित तौर पर साफ सफाई, प्रोफेशनल मैनेजमेंट नहीं दिखा। प्रदेश और हर संभाग स्तर पर एक एजेंसी नियुक्त करने एवं पूरा प्रोफेशनली हाउसकीपिंग का प्रयास करेंगे”।

इसके पूर्व हेल्थ कमिश्नर आकाश त्रिपाठी आज शाम जिला कार्यालय सभाकक्ष में कोरोना केसेस की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि किल कोरोना अभियान के तहत जिन गांवो में केस है, वहां सर्वे सतत् चलता रहे। साथ ही जहां-जहां केस है वहां माईक्रो कंटेनमेंट बनाये जायें। हेल्थ कमिश्नर त्रिपाठी ने कोविड मरीजों का एनालिसिस और उन क्षेत्रों में टीकाकरण कराने पर जोर दिया।
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उन्होंने कहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित किया जायें। आगामी त्यौहार और पर्वो में भीड़ न हो ऐसी प्लानिंग की जायें। मास्क जागरूकता अभियान चलाया जायें, लोगो में जागरूकता लाई जाये और कोविड प्रोटोकॉल का पालन हेतु भी लोगो को एवयर किया जायें।

हेल्थ कमिश्नर ने हटा अस्पताल निर्माण की जानकारी लेते हुए कार्य तेज गति से पूरा करने के निर्देश पीआईयू के अधिकारियों को दिये। साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आवश्य उपकरण और बेड आदि आर्डर चैक करने और उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। बैठक में ऑक्सीजन प्लांट दमोह-हटा की जानकारी लेकर सीएमएचओ को दिशा निर्देश दिये।
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बैठक में कलेक्टर एस. कृष्ण चैतन्य और सीईओ जिला पंचायत अजय श्रीवास्तव, एडीशनल कलेक्टर नाथूराम गौड़ और क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. बी.के. खरे विशेष रूप से मौजूद रहे।

जिला स्वास्थ्य व्यवस्था में लापरवाही के मामले लगातार बढ़ रहे ऐसे मामले स्वास्थ्य व्यवस्था पर कालिख पोत रहे हैं। फिर भी सुधार न होना कही न कही सरकार और जनप्रतिनिधियों की विफलता को दर्शाता है।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण आयुक्त के दमोह दौरे से पहले ही जिला अस्पताल में आनन फानन में व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का काम होते दिखाई दिया। अस्पताल में रखा पुराना सामान को वगैर किसी टेंडर के सस्ते दामों में बेचे जाने की चर्चा भी जोरों पर चल रही हैं। खबर है कि लाखों रुपए का पुराना सामान ट्रक में भरकर कम दामों में बचने के पीछे निश्चित ही निजी आर्थिक लाभ लेने की मंशा है।

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो एक ट्रक समान घण्टाघर से 500 मीटर दूर शाम करीब 6 बजे खड़ा दिखाई दिया जहां से लोग अपने अपने साधनों से सामान ले जाते दिखाई दिए। आश्चर्य यह है कि पिछले वर्षों से जिला अस्पताल के कारनामे सामने आने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई।
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जबकि यहां सोलर प्लेट्स,शेड के नीचे लगे है तो वाटर कूलर की सप्लाई बंद है किचन में चूहे मरीज़ो के खाने को खराब कर रहे है तो सफाई की मशीनें ही गायब है और कर्मचारी बिना किट के ही काम करते दिखाई देते है। किचिन में काम करने वाले 08 कर्मचारियों को तो पिछले दो माह से मानदेय नहीं मिला पर वे काम कर रहे है जबकि यहां न तो रोटीमेकर है न ही चिमनी काम कर रही है और भोजन की गुणवत्ता पर भी संशय है। पर अधिकारियों का ध्यान इस ओर क्यों नहीं जाता है।