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मध्यप्रदेश उपचुनाव 2021:-होलाष्टक में दाखिल किए नामांकन, दोष मिटाने भाई दोज को भी भरेंगे फार्म, अशुभ दिन फार्म भरने से कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी के मन हो गए थे अस्थिर

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नारद की नजर दमोह उपचुनाव पर

        होलाष्टक 22 मार्च से 28 मार्च तक लगे हुए हैं। इस बीच कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। दमोह उपचुनाव की प्रक्रिया होलाष्टक से ही प्रारंभ की गई थी। कांग्रेस-भाजपा प्रत्याशी ने भले ही एकादशी मुहूर्त पर फार्म भरे हों, लेकिन इस दिन होलाष्टक का अशुभ प्रभाव भी दोनों प्रत्याशियों पर दिखाई दिया, जो नारद की नजर से छुप नहीं पाया। हालांकि भाजपा प्रत्याशी होलाष्टक का दोष मिटाने 30 मार्च यानि दोज को शक्ति प्रदर्शन के साथ फार्म जमा करेंगे, लेकिन कांग्रेस का शक्ति प्रदर्शन होलाष्टक पर 25 मार्च को ही किया गया था।

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           होलाष्टक यानि होली के पहले के 8 दिन जिनमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है। दमोह उपचुनाव के फार्म भरने की प्रक्रिया होलाष्टक में ही शुरू की गई है, हालांकि चुनाव आयोग ज्योतिष के बजाए अपने गणित लगाकर तिथियां घोषित करता है, जिस पर प्रशासन और आयोग को तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है, लेकिन दमोह उपचुनाव में जितने भी प्रत्याशी खड़े नजर आ रहे हैं। वह शुभ-अशुभ व धर्मी-कर्मी माने जाते हैं। होलाष्टक लगे हैं इसकी जानकारी है। खासतौर पर कांग्रेस व भाजपा के प्रत्याशी ज्योतिषाचार्य व विद्वान पंडितों के निर्देश पर ही कदम बढ़ाते हैं। हालांकि होलाष्टक के बीच एकादशी मुहूर्त पर फार्म जमा किए गए हैं, अब होलाष्टक समाप्त होने के बाद आखिरी दिन 30 मार्च को भाजपा का नामांकन जमा कराने की तैयारी तो है, लेकिन कांग्रेस की ओर से ऐसा कोई प्रयास अभी दिख नहीं रहा है।

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क्यों माने जाते हैं अशुभ दिन :- ज्योतिष के अनुसार होलाष्टक के प्रथम दिन अर्थात फाल्गुन शुक्लपक्ष की अष्टमी को चंद्रमा, नवमीं को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल तथा पूर्णिमा को राहु का उग्र रूप रहता है। इस वजह से इन आठों दिन मानव मस्तिष्क तमाम विकारों, शंकाओं और दुविधाओं से घिरा रहता है। जिसकी वजह से शुरू किए गए कार्य के बनने के बजाए बिगडऩे की संभावना ज्यादा रहती है।

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कांग्रेस प्रत्याशी की बढ़ गई टेंशन :- नारद की नजर कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के बाद उन कार्यकर्ताओं पर गई जो धूप में चलते हुए कलेक्ट्रेट तक पहुंचे। मंच से भोजन की घोषणा की गई थी, कार्यकर्ता ढाई हजार पहुंच गए, खाने के पैकिट ढाई सौ मिले। रुपया पे भी खूब हाथ साफ भओ, जिन्हें नहीं मिलो उनकी नाराजगी पता लगी तो टेंशन बढ़ गओ और लगने लगो की घर के कुरवों से ही आंख फूट सकत है।

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टेंशन भाजपा प्रत्याशी की भी बढ़ी :- भाजपा प्रत्याशी ने भी होलाष्टक पर ही फार्म भरा था, जिससे इन्हें भी मानसिक विकास उसी दिन इस बात से हुआ कि इनके चचेरे भाई वैभव सिंह फार्म लेने पहुंच गए और वह उन्हें एक बड़ी टेंशन दे गए। इसके बाद भाशचेपा उम्मीदवार उमा सिंह ठाकुर ने फार्म भरा है, जिनका काम है कि जितनी राहुल को टेंशन दे सकें उतना अच्छा रहेगा। भाजपा को टेंशन देने शिवसेना से राज पाठक ने फार्म भर दिया है। हालांकि उनकी एक टेंशन सिद्धार्थ मलैया के निर्दलीय खड़े होने की खत्म हो गई है।

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होलाष्टक का प्रभाव आएगा नजर :- नारद की नजर में ज्योतिष को जो मानते हैं और जानते हैं उनका मत है कि होलाष्टक पर उपचुनाव का शुभ कार्य किया गया है, जो अपना कुछ न कुछ अशुभ प्रभाव छोड़ेगा, यह टेंशन अकेला कांग्रेस-भाजपा के लिए नहीं वरन सभी के लिए रहेगा। जिससे जो जानकार हैं, वह इसका दोष मिटाने के लिए दोज मुहूर्त पर नामांकन दाखिल करने फिर से पहुंचने वाले हैं।

पढ़ते रहिए  निष्पक्ष समाचार… नारायण… नारायण… नारायण…!

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