मीडिएशन बना दो बिछड़ो को मिलाने का माध्यम, लोक अदालत इस बार भी दो बिछड़े दंपत्ति को फिर से एक करने में कारगर रही।
दमोह –राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली एवं म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के निर्देशानुसार परस्पर समझौते के आधार पर आमजन को त्वरित एवं सुलभ न्याय दिये जाने के उद्देश्य से दिनांक 10.07.2021 को रेणुका कंचन प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दमोह के कुशल नेतृत्व में जिला न्यायालय दमोह तथा तहसील न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया है।
पारिवारिक कलह से जूझ रहे दम्पत्ति हुये एक – कुटुम्ब न्यायालय के समक्ष लंबित एक प्रकरण में पत्नि द्वारा अपने पति के विरूद्ध हिन्दू विवाह अधिनियम की धारा 13 के तहत एवं भरण पोषण का प्रकरण प्रस्तुत किया था, उक्त प्रकरण लगभग 03 वर्ष से लंबित था। उक्त प्रकरण में पति-पत्नि को पीठासीन अधिकारी एवं सुलहकर्ता सदस्यों के द्वारा समझाईश दिये जाने के उपरांत दोनों ने अपने-अपने प्रकरण में राजीनामा किया व दोनों मुस्कुराते हुये न्यायालय से विदा हुये। इस अवसर पर पति-पत्नि द्वारा एक दूसरे को अपनी खुशी स्वरूप माला पहनाई गई।
दरअसल अशोक का विवाह दमोह के बांदकपुर की क्रांति के साथ 2017 में संपन्न हुआ था लेकिन विवाह में पति का साँवला रंग नवविवाहिता को रास नहीं आया। इसी कारण दोनों दंपति के बीच छोटी छोटी बातों में झगड़े शुरू हुए और यह झगड़ा घर की चारदीवारी से निकलकर अदालत तक पहुंच गया। 2018 से 2021 तक दोनो पक्षो में मुकदमे बाजी होती रही।
लोक अदालत के बारे में जानकारी होने पर दोनों पक्ष न्यायालय पहुंचे और प्रधान न्यायाधीश भगवत प्रसाद पांडेय व सामाजिक कार्यकर्ता राजेश खरे की लोक अदालत पीठ में हाजिर हुए अधिवक्ता मनीष नगाइच, मुकेश पांडेय ने राजीनामा प्रपत्र प्रस्तुत कर दोनो को विदा किया।
इस अवसर पर प्रसिंपल जिला न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष रेनुका कंचन ने कहा सभी न्यायालयों में कार्य भार की अधिकता के कारण बोझ हैं, लोक अदालत के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा राजीनामा हो जिससे कोर्ट की पेंडेंसी भी कम हो जाये। उन्होंने कहा लोक अदालत से राजीनामा करने का एक फायदा यह भी है कि विभिन्न निकायों में बहुत सारी छूट मिलती हैं।
राजीनामा पर मिली फलदार पौधे की भेंट– नेशनल लोक अदालत में पक्षकारों की आपसी सहमति से प्रकरणों के निराकरण के फलस्वरूप प्रतीक चिन्ह के रूप में जिला न्यायालय दमोह की ओर से पौधे वितरण किये गये। प्रकरण के सफल राजीनामा हेतु अधिवक्ता मनीष नगाइच, पुष्पेंद्र अठ्या, लक्ष्मीकांत तिवारी, व पंकज खरे ने समझाईश व मीडिएशन हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
निःशुल्क मास्क वितरण भी था लोक अदालत का हिस्सा – संयुक्त अधिवक्ता मंच के सदस्य कमल कुशवाहा व सुधीर पांडेय ने सभी बिना मास्क के पक्षकारों को निःशुल्क मास्क वितरण कर सेनेटाइजर की व्यवस्था कर लोक अदालत को सफल बनाने में सहयोग किया।
कार्यक्रम उपरांत प्रिसिंपल जिला न्यायाधीश एवं विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्ष रेनुका कंचन ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टालों का जायजा लिया और आवश्यक दिशा निर्देश दिये।