



जिले के जबेरा के सरकारी कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य और नवचयनित सहायक प्राध्यापकों के मुख्यालय पर न रहने के बावजूद उच्च अधिकारियों द्वारा कार्यवाही न होना अपने आप में एक जिज्ञासा तो है और विभागीय विवाद उच्च शिक्षा विभाग की गुणवत्ता पर शंका पैदा कर रहे है।
निष्पक्ष समाचार दमोह: मामला जबेरा तहसील के सरकारी कॉलेज का सामने आया है जहां के नवचयनित सहायक प्राध्यापक मुख्यालय पर न रह कर जबलपुर और सागर से अपडाउन करते है और प्रभारी प्राचार्य सूरज प्रसाद पचौरी दमोह से प्रतिदिन आना जाना करते है और तर्क यह रहता है कि काम प्रभावित नहीं होता।परिसर में वाहन क्रमांक एमपी 20 सीजे 9972, एमपी 15 सीसी 2675 भी खड़े देखे जा सकते है।चर्चा तो यह भी है कि नवचयनित, सर्वसुविधायुक्त कमरें में अधिकांशतः बैठे रहते है।
वहीं यहां की एक महिला कर्मचारी ने विभाग के ही एक लिपिक के विरुद्ध पिछले साल सितंबर में प्रभारी प्राचार्य को प्रमाण सहित आवेदन दिया था कि उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया पर अब तक उनके आवेदन पर कार्यवाही नही की गई,इस संबंध में पुनः आवेदन दिया पर सुनवाई नहीं कि गई।
प्रतिक्रिया _“अपडाउन से काम प्रभावित नहीं हो रहा है। शिकायत के संबंध में डी ओ लिख दिया है,कर्मचारी का वीआरएस करवा दिया है, कार्यवाही पूरी हो गई है” _डॉ सूरज प्रसाद पचौरी (प्रभारी प्राचार्य) शासकीय महाविद्यालय, जबेरा
“पिछले साल हुए अभद्र व्यवहार की शिकायत प्रमाण सहित प्रभारी प्राचार्य को की गई,जिन्होंने आश्वासन दिया कि कार्यवाही करेंगे,शासन को भेजेंगे पर उसे बचाया और अब तक इंसाफ नहीं मिला” डॉ ए. सोनी (अतिथि विद्वान) शासकीय महाविद्यालय, जबेरा