निष्पक्ष समाचार : जबलपुर हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को कड़ी फटकार लगाई है। पन्ना की गुन्नौर जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अफसरों पर गड़बड़ी के आरोप लगे थे। इसी मामले में बुधवार को कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि ‘पन्ना कलेक्टर पॉलिटिकल एजेंट की तरह काम कर रहे हैं। इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। इन्हें पद से हटा देना चाहिए’
दरअसल 27 जुलाई को हुए जनपद पंचायत गुन्नौर में उपाध्यक्ष चुनाव को लेकर कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा ने जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। पूर्व मंत्री अरुण यादव ने हाईकोर्ट की टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए पंचायत चुनाव में धांधली करने वाले अफसरों पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट किया कि गुन्नौर जनपद पंचायत उपाध्यक्ष चुनाव की 27 जुलाई 2022 को वोटिंग होती है, जहाँ कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी परमानंद मिश्रा जी को 25 में से 13 वोट प्राप्त होते है और सत्तापक्ष के प्रत्याशी राम शिरोमणि को 12 मत प्राप्त होते है और पीठासीन अधिकारी परमानंद जी को प्रमाण पत्र दे देते है। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा इस मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा को फटकार लगाते हुए कहा कि पन्ना कलेक्टर ने सत्ताधारी पार्टी के एजेंट की तरह काम किया, इन्हें पद से हटाया जाए। कांग्रेस पार्टी लगातार यही बात कर रही थी कि कलेक्टर भाजपा सरकार की कठपुतली बनकर कार्य कर रहे है।
ये है मामला : पन्ना की गुन्नौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस समर्थक परमानंद शर्मा को 13 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी समर्थक रामशिरोमणि मिश्रा को 12 वोट मिले थे। निर्वाचन अधिकारी ने कांग्रेस नेता परमानंद शर्मा को जनपद उपाध्यक्ष की जीत का सर्टिफिकेट दे दिया। इसके बाद हार से बौखलाए बीजेपी नेता रामशिरोमणि मिश्रा ने एक वोट के बैलेट पेपर पर स्याही बीच में लगी होने के चलते कलेक्टर के पास अपील की। इसके बाद पन्ना कलेक्टर ने वोट निरस्त कर दोनों प्रत्याशियों के बराबर 12-12 वोट कर अगले दिन पर्ची उठवाकर चुनाव कराया। इसमें रामशिरोमणि मिश्रा के नाम की पर्ची निकली और वे उपाध्यक्ष बन गए। कांग्रेस नेता ने इस पर आपत्ति जताते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी।