सीएम के आदेश के बाद कोविड की रोकथाम के लिए बनाए गए ब्लॉक स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप में बीजेपी का बोलबाला, कल तक जो बीजेपी के मंडल अध्यक्ष थे वे आज समाज सेवी हो गए.
दमोह- प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने 4 मई को समीक्षा बैठक की जिसमें प्रदेश के सभी जिले के कलेक्टर को ब्लॉक स्तर के साथ ग्रामीण स्तर पर भी क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप बनाने के आदेश जारी किए. मुख्यमंत्री के आदेश के 10 दिन बाद दमोह जिले में ब्लॉक स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप का गठन किया गया जिसमें समाज सेवियों की तुलना में बीजेपी के कार्यकर्ताओं का बोलबाला ज्यादा दिख रहा है. जबकि ब्लॉक स्तर पर काम करने वाले समाज सेवी संगठनों, नवगठित समीतियों को इससे दूर रखा गया है.
कल तक जो बीजेपी के कार्यकर्ता थे जिनका काम सिर्फ पार्टी की सभाओं में भीड़ जुटाना और विपक्ष को टारगेट करना था वे अब से समाज सेवी की भूमिका में नजर आएंगे. लेकिन जनप्रतिनिधियों के इस रवैये की बदौलत जो सच्चे समाजसेवी हैं, जो पिछले एक साल से कोरोनाकाल में लोगों तक जरूरी मदद पहुंचा रहे हैं उन्हें इस ग्रुप में शामिल न किया जाना राजनीति से प्रेरित हो सकता है. जनप्रतिनिधियों के इस फैसले से समाज सेवा से जुड़े लोगों के आत्मसम्मान को ठेस तो पहुंचेगी ही बल्कि उनका मनोबल भी टूट जाएगा जोकि चिंताजनक है.
सामजिक संगठनों को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से दूर रखा गया
पथरिया में समाजसेवा भाव से सक्रिय युवा दिन रात मेहनत कर नगर में बनाए गए कोविड सेंटर में जरूरी चिकित्सकीय मदद मुहैया करा रहे हैं. इसके लिए बाकायदा युवाओं ने एक समिति का गठन किया जिसमें सभी वर्गों और प्रोफेशन के लोग शामिल हैं बावजूद इसके उन्हें इस ग्रुप में जगह नहीं दी गई. ग्रुप के एक भी सदस्य का नाम ब्लॉक स्तरीय मैनेजमेंट ग्रुप में न होना आश्चर्य सा लगता है.
केंद्रीय राज्य मंत्री कर चुके हैं तारीफ
नगर विकास समिति के नाम से बनाए गए इस ग्रुप के कार्यों का उल्लेख दमोह से लोकसभा सांसद एवं केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल भी उनकी तारीफ कर चुके हैं. इसके अलावा जिला कलेक्टर ने भी बीते दिनों पथरिया में हुई समीक्षा बैठक में इस नवगठित समिति के कार्यों की तारीफ की थी.
नगर विकास समिति के सदस्यों ने अभी तक पथरिया के कोविड सेंटर में इलाजरत मरीजों की सुविधाओं के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर, कूलर, व्हील चेयर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीन निःशुल्क उपलब्ध कराई है. इसके अलावा कोविड सेंटर में इलाजरत कोरोना संक्रमित मरीजों को पौष्टिक आहार के अलावा फलों की व्यवस्था भी की है. लेकिन जिला कलेक्टर ऑफिस से जारी ब्लॉक स्तरीय क्राइसिस मैनेजमेंट की सूचि में न तो समिति का नाम है और न ही समिति के किसी सदस्य का नाम शामिल किया गया है जिससे कोरोना काल में सेवा भाव से कार्यरत सदस्यों का मनोबल टूटता नजर आ रहा है.
यही हाल बटियागढ़ ब्लॉक के हैं
ब्लॉक स्तरीय समिति को लेकर यही हाल बटियागढ़ ब्लॉक के भी हैं. बटियागढ़ में संचालित कोविड सेंटर पूर्णतः जनभागीदारी से चलाया जा रहा है. एमएच क्लब के सदस्यों ने दिन रात मेहनत करके कोविड सेंटर में बेड से लेकर तमाम तरह की जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध लोगों से पैसा इकठ्ठा करके किया है. लेकिन जब सीएम के आदेश पर ब्लॉक स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप के गठन की बात आई तो समाज सेवियों को दरकिनार करते हुए बीजेपी ने अपने लोगों को इस ग्रुप में रख लिया. एक हिसाब से देखा जाए तो जिले के सभी ब्लॉक में बनाए गए क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप एक तरह से राजनीतिक ग्रुप बनकर रह गए हैं जिनमें बीजेपी का बोलबाला ज्यादा है. संबंधित अधिकारियों को इस पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है.