दमोह : बीते दिनों मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित एक निजी अस्पताल में हुई आगजनी की घटना के बाद से ही मध्य प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में चल रहा है। इसी के चलते इतने दिन बीत जाने के बाद अब दमोह जिले के आधा दर्जन से अधिक प्राईवेट नर्सिंग होम/अस्पताल की मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई की गई। बताया जा रहा है कि इन निजी अस्पतालों को न ही नियमों के मुताबिक संचालित किया जा रहा था और न ही इनके पास नियमानुसार दस्तावेज मिले थे जिस कारण आधा दर्जन से अधिक निजी अस्पतालों पर कार्रवाई की गई।
मान्यता निरस्त किए जाने के मामले में शहर के नामी 7 नर्सिंग होम शामिल हैं। जिनमे सिविल वार्ड नं. 7 में संचालित हो रहे राय नर्सिंग होम, सिविल वार्ड नं. 7 में ही स्थित डॉ.चंदा जैन नर्सिंग होम, सिविल वार्ड नं. 4 का पसारी नर्सिंग होम, एकलव्य विश्वविद्यालय कैम्पस में संचालित हो रहे विजयंत हॉस्पिटल, पुरानी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी का पांडे क्लीनिक, मागंज वार्ड नं. 1 गार्ड लाइन का सिटी अस्पताल, स्टेशन रोड तीन गुल्ली पर संचालित होने दमोह अस्पताल शामिल हैं।
बताया जा रहा है कि दमोह शहर में अनेक खामियों के साथ निजी अस्पतालों को संचालित किया जा रहा था। सूचना के मुताबिक हॉस्पिटल संचालन करने के लिए इन नर्सिंग होम/हॉस्पिटल के पास विधिवत भवन अनुज्ञा तक नही है। इसके साथ ही फायर एनओसी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का प्रमाण पत्र, मेडिकल बेस्ट निष्पादन की व्यवस्था न होना भी मुख्य कारण बना।
दरअसल कलेक्टर दमोह द्वारा एक जांच दल गठित कर शहर में संचालित हो रहे निजी अस्पतालों की जांच कराई गई थी, जांच दल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने खामियों के संबंध में इन नर्सिंग होम को नोटिस जारी कर जबाव मांगा था जिसका जबाव कुछ अस्पताल संचालकों ने दिया ही नहीं जिसने दिया भी तो वह अधिकारियों को संतोषजनक नहीं लगा। इसके बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा सात नर्सिंग होम/अस्पताल को म.प्र. उपचारगृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनायें अधिनियम (रजिस्ट्रीकरण तथा अनुज्ञापन) अधिनियम 1973 यथा संशोधित नियम 2021 की धारा 6 (2) के तहत नर्सिंग होम पंजीकरण एवं लाइसेंस रद्द करने के संबंध में पत्र जारी किया गया।