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बरसों इंतजार के बाद पाकिस्तान से रिहा हुआ बारेलाल

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पुलिस परिजनों के साथ बारेलाल

दमोह – नोहटा थाना क्षेत्र के पटी शीशपुर गांव निवासी मानसिक रूप से कमजोर युवक बारेलाल आदिवासी दो साल पहले गलती से पाकिस्तान पहुंच गया था। जिसकी जानकारी सामने आने के बाद उसे वापस लाने सरकार ने प्रयास शुरू किया और शनिवार को वह प्रयास सफल हुआ जब बारेलाल अपने घर पहुंच गया। लंबे प्रयासों और विदेश मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद उसे पाकिस्तान से बाघा बॉर्डर और फिर पुलिस द्वारा उसे उसके गांव लाया गया। बारेलाल को देखकर उसके स्वजनों की आंखों से आंसू आ गए।

    nishpaksh samacharशीशपुर गांव में बारेलाल का परिवार

गौरतलब है कि बारेलाल आदिवासी सहित एक अन्य युवक प्रशांत बेंधम को 14 नवंबर 2019 को पाकिस्तान के बहवलपुर से गिरफ्तार किया गया था। पाकिस्तान की ओर दावा किया गया था कि बेंधम और बारेलाल आदिवासी को यजमन पुलिस की एक गश्ती दल ने बहवलपुर जिले में चोलिस्तान क्षेत्र से अवैध तरीके से पाकिस्तान में दाखिल होते समय गिरफ्तार किया था। जिसके बाद यह खबर पूरे देश में धुआं की तरह फ़ैल गई स्वजनों ने पाकिस्तान में पकड़े गए युवक को ही अपना बेटा बताया था। नोहटा थाने में बारेलाल के गुम होने की रिपोर्ट भी घरवालों ने दर्ज कराई थी।

बारेलाल के पाकिस्तान में होने की पुष्टी के बाद भारत सरकार ने दोनो युवकों को वापस लाने के प्रयास में लग गई थी। बारेलाल के परिवार से पिता सुब्बी आदिवासी, मां लक्ष्मी बाई और भाई पदम आदिवासी से संपर्क कर जानकारी सुनिश्चित कर उसे वापस लाने के प्रयास शुरू किए गए थे।

परिजनों ने बताया कि बारेलाल का इलाज मेडिकल कॉलेज जबलपुर में चल रहा था और वह कई बार घर से बिना बताए भाग जाता था। अंतिम बार वह अपने घर से 2017 में निकला और कई दिनों तक नहीं लौटा तो परिजनों ने नोहटा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसके बाद पुलिस उसकी तलाश जुट गई।

इन सबके बीच अपने तथ्यों को मजबूती से रखते हुए भारत सरकार बारेलाल की घर वापसी कराने में सफल रही, लेकिन उसके साथ पकड़े गए युवक प्रशांत को भारत लौटाया गया या नहीं इसकी अभी तक पुष्टी नहीं हो सकी है। बारेलाल के स्वजनों व नोहटा थाने के आरक्षक को लेने जाने के लिए सभी जरूरी कार्यवाई की गई तथा बारेलाल को बाघा बॉर्डर के रास्ते स्वजनों के सुपुर्द किया।

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