निष्पक्ष समाचार – पथरिया रेल्वे स्टेशन वैसे तो आदर्श स्टेशन घोषित कर दिया है मगर यहा की पानी और सफाई व्यवस्था देख वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। स्टेशन परिसर में लगे नलों से गंदा पानी निकल रहा है जिसे पीने को यात्री मजबूर देखे गए, बही दूसरी और डस्टविनो का कचरा भी कई दिनो से साफ नही हुआ है बदबू के कारण यात्रियों का बैठना भी दूभर हो रहा है। इसकी जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई, लेकिन इस ओर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। पिछले कुछ दिनों से तो इतना गंदा पानी आ रहा है कि नहाने योग्य भी नहीं है।
पथरिया का आदर्श रेल्वे स्टेशन जहां रोजाना हजारों पैसेंजर्स अपने गंतव्य के लिए रवाना होते हैं और कुछ ट्रेनों के इंतजार में अपनी हलक को तर करने के लिए यहीं का पानी इस्तेमाल करते हैं। एक-आध तो पैसे खर्च कर अपनी प्यास बुझा लेते हैं, जबकि काफी लोगों को इसी गंदे पानी से काम चलाना पड़ रहा है। सब कुछ जानने के बाद भी जिम्मेदारों का नजर-ए-करम यहां नहीं हो सका है, जिसकी वजह से पैसेंजर्स स्टेशन से बीमारी का परवाना साथ लेकर घर लौट रहे हैं।
ग्राम सीगोन निवासी भोला बंसल ने बताया कि स्टेशन पर साफ पानी की व्यवस्था नही है, नल से गंदा पानी निकल रहा है प्यास बुझाने के लिए हमें पीना ही पड़ता है। वहीं ग्राम आंजनी बेलखेडी के पुरुषोत्तम गौड़ ने बताया कि हमे शाम की ट्रेन से दिल्ली जाना है, बारिश न होने लगे इसलिए दोपहर से ही स्टेशन आ गए थे हमे यहा गंदा पानी पीना पड़ रहा है और अपने बच्चों को भी यही पानी पिला रहे है। बही सीमा अहिरवार, सुमन रैकवार, अनिता बंशवर्ती ने भी बताया कि हम लोगों को मजबूरन आदर्श स्टेशन पथरिया में गंदा पानी पीना पड़ रहा जिससे हमारा स्वास्थ्य बिगड़ने का भी भय बना हुआ है। यही हाल यहां रखे डस्टविनो का है जिन्हें देखने में लगता है कि अनेक दिनों से इसकी साफ सफाई नहीं हुई और आलम यह है की डस्टविन बदबू मार रहे हैं।
यहां मूलभूत समस्याओं का अंबार लगा हुआ रहता है, ऐसे ही बेरहम हालात से जूझ रहे हैं पथरिया आदर्श रेल्वे स्टेशन पर आने वाले लोग जिन्हें पीने का पानी तक मयस्सर नहीं।
निष्पक्ष समाचार के लिए पथरिया से मुकेश दुबे की रिपोर्ट