पथरिया/दमोह :- दमोह में एक बार फिर मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है जहां एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जिसने झकझोर कर रख दिया। सरकारी सिस्टम में एक महिला को ना तो इलाज मिला ना ही मौत के बाद शव वाहन.
मामला पथरिया का है जहां पर वार्ड क्रमांक 6 में रहने वाली कलावती पति परसोत्तम विश्वकर्मा उम्र 45 वर्ष को शाम लगभग 5 और 6 बजे के बीच अस्पताल लाया गया था, जहां समय पर उपचार ना मिलने और महिला को रिफर ना किए जाने के चलते मौत हो गई है। कलावती को मौत के बाद शव वाहन भी नसीब नहीं हुआ, परिजन हाथ ठेले पर रखकर शव घर ले गए।
सामान्य बुखार से ग्रसित वार्ड नंबर 6 निवासी कलावती पिछले दो दिन से बामार चल रहीं थी. जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पथरिया लाया गया था लेकिन इलाज के अभाव में महिला ने दम तोड़ दिया. महिला इलाज के लिए अस्पताल घंटों तक डॉक्टर का इंतजार करती रही लेकिन अस्पताल से यह कह कर भगा दिया गया कि डॉक्टर कोविड-19 केयर सेंटर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं जिस वजह से वे मरीज का इलाज नहीं कर पाएंगे.
इलाज के अभाव में महिला की मौत अस्पताल में हो जाने के बाद उसे शव वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया. मरीज के परिजन उसे दमोह ले जाना चाहते थे लेकिन निजी एंबुलेंस संचालक ने दमोह तक जाने के लिए 5000 रुपए बतौर किराया की मांगा जिसे वे दे ना सके। मर चुके सिस्टम की कहानी कुछ ऐसी है कि कलावती को मरने के बाद भी शव वाहन भी नहीं मिल सका और उसके परिजन मजबूरी में शव को हाथ ठेले पर रखकर अपने घर ले गए.