क्लाइमेट एक्टिविस्ट और प्रोफेसर श्याम सुंदर ज्याणी को साल 2021 के United Nations Convention To Combat Desertification (UNCCD) की तरफ से Land For Life Award के लिए चुना गया है। श्याम सुंदर ज्याणी को यह अवार्ड उनके पिछले 15 सालों में पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके यूनिक ‘पारिवारिक वानिकी’ (Familial Forestry) कांसेप्ट के माध्यम से किए गए पौधरोपण के लिए दिया जाएगा।
नेशनल डेस्क- पर्यावरण संरक्षण और भूमि संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था United Nations Convention To Combat Desertification की ओर से हर साल दिया जाने वाले अंतराष्ट्रीय पुरस्कार Land For Life Award बीकानेर के श्याम सुंदर ज्याणी (Shyam Sundar Jyani) को दिया गया है। श्याम सुंदर क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं और बीकानेर की राजकीय डूंगर कॉलेज में समाजशास्त्र के प्रोफेसर हैं।
चीन में दिया जाएगा पुरस्कार -: 17 जून को विश्व मरुस्थलीकरण एवं सूखारोधी दिवस के मौके पर दुनियाभर के 12 फाइनलिस्ट में से UNCCD ने श्याम सुंदर ज्याणी को इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चुना है है। अंतराष्ट्रीय पुरस्कार Land For Life Award हर 2 साल में दिया जाता है। इस पुरस्कार के लिए बाकी के 10 एक्टिविस्ट आस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, चिली, मोजांबिक, त्रिनिदाद टोबैगो, नाइजरिया और जिबाब्वे के थे। श्याम सुंदर ज्याणी को सितम्बर में चीन में आयोजित होने वाले समारोह में यह पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
15 साल में लगा डाले 25 लाख पौधे :- ज्याणी पिछले 15 सालों से पर्यावरण संरक्षण के लिए अपने बौद्धिक विचार पारिवारिक वानिकी (Familial Forestry) को लेकर काम कर रहे हैं। ज्याणी अब तक उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में करीब 25 लाख पौधे लगा चुके हैं।
क्या परिवारिक वानिकी :- परिवारिक वानिकी का मतलब है अपने परिवार में पेड़ों और पर्यावरण की रक्षा की जिम्मेदारी को स्थानांतरित करते रहना जिससे कि एक पेड़, परिवार की जागरूकता का हिस्सा बन सके। UNCCD पुरस्कार विजेता श्याम सुंदर ज्याणी के इसी कॉसेप्ट से जुड़कर उत्तर-पश्चिमी राजस्थान के 1500 गांव के 10 लाख से अधिक परिवारों ने मिलकर पिछले 15 सालों में 25 लाख पेड़ लगाए हैं।