निष्पक्ष समाचार : दमोह जिले के ग्रामीण इलाके में दूषित पानी पीने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से अधिक लोग बीमार हैं। इनमें बच्चे भी शामिल हैं। एक ही गांव में एक साथ इतने लोगों के बीमार होने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। गांव में उल्टी-दस्त के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग की एक टीम गांव में लोगों की जांच कर रही है। दमोह जिला कलेक्टर भी इस मामले में अपनी नजर बनाए हुए हैं। दमोह केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल का संसदीय क्षेत्र हैं। वे यहां से दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीते हैं।
मामला दमोह के बांदकपुर के पास खंचारी गांव का है। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो खेतों का कीटनाशक का छिड़काव हुआ है। ऐसे में बारिश की वजह से यह कीटनाशक पानी में घुलकर कुंए में चला गया। इस कुंए का पानी पूरा गांव पीता है।दूषित पानी पीने से 80 साल के बुजुर्ग आदिवासी और 32 साल की एक महिला की मौत हो गई। वहीं, गांव के अन्य लोग उल्टी-दस्त से पीड़ित है। लगातार मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण प्रशासन भी हरकत में आया है। स्वास्थ्य विभाग और पीएचई विभाग की टीम को गांव भेजा गया है।
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दरअसल गांव में एक ही कुंआ है, जिस पर पूरा गांव आश्रित है। गांव में अब तक नल-जल योजना के तहत घर-घर में नल नहीं पहुंचा है। इस वजह से ग्रामीण आदिवासी इसी कुंए का पानी पीते हैं। कथित तौर पर खेतों में कीटनाशक डाला गया था। उसका ही पानी बारिश की वजह से कुंए में पहुंचा और यह स्थिति बनी है।
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केंद्रीय राज्यमंत्री राजनीतिक कार्यों में व्यस्त –: केंद्रीय जलशक्ति राज्यमंत्री प्रहलाद पटेल इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र दमोह में हैं, लेकिन इस मामले पर उनकी तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपनी तरफ से मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं देने में जुटा हुआ है। पटेल यहां पर जनपद व जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में व्यस्त हैं। हाल ही में हुए जनपद अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने जिले के विभिन्न जनपद क्षेत्रों में बीजेपी के जनपद अध्यक्ष बनाने में अहम भूमका निभाई है। अब उनका अगला लक्ष्य नगर पालिका के अध्यक्ष-उपाध्यक्षों के चुनाव जीतना है।
प्रहलाद पटेल दमोह लोकसभा सीट से दो बार सांसद का चुनाव जीतकर मोदी सरकार में मंत्री बने हैं। इससे पहले वे पर्यटन एवं संस्कृति विभाग में स्वतंत्र प्रभार मंत्री थे। इसके बाद उनका विभाग बदलकर जल शक्ति में राज्यमंत्री का पद दिया गया। राजनीति के जानकार मानते हैं कि दमोह उपचुनाव में बीजेपी के टिकट पर विधायक का उपचुनाव लड़े राहुल लोधी की करीब 17 हजार वोटों से हार के बाद उनका विभाग बदला गया था।