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अवैध वसूली की शिकायतों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारी पर 50 हजार रुपए लेकर काम नहीं करने का आरोप

जिला ई-गवर्नेंस अधिकारी महेश अग्रवाल पर आधार कार्ड मशीन चालू कराने के नाम पर 50 हजार रुपए लेने का आरोप लगा है। इस संबंध में जिले के कुम्हारी के रहने वाले शिकायतकर्ता राहुल दुबे ने जिला कलेक्टर और केंद्रीय राज्यमंत्री व दमोह सांसद प्रहलाद पटेल के नाम एक शिकायती पत्र लिखकर ई-गवर्नेंस अधिकारी से पैसे वापस दिलाने की मांग की है।

दमोह :– जिले में आधार मशीन का काम इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है। आधार कार्ड मशीन ऑपरेटर्स पर आधार कार्ड में संसोधन या नवीन कार्ड बनाने के दौरान अतिरिक्त पैसे वसूलने के आरोप के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। इसकी बड़े पैमाने पर शिकायतें भी जिला कलेक्ट्रेट तक पहुंच रही हैं। इन शिकायतों पर अधिकारियों की धड़ाधड़ कार्रवाई भी बदस्तूर जारी है। 

इस बीच जिले के कुम्हारी के रहने वाले आधार मशीन ऑपरेटर राहुल दुबे ने ई-गवर्नेंस प्रबंधक महेश अग्रवाल पर ही पैसे लेने का आरोप लगाया है। राहुल दुबे का आरोप है कि ई-गवर्नेंस प्रबंधक महेश अग्रवाल ने आधार मशीन चालू कराने के लिए उससे 50 हजार रुपए की मांग की थी। राहुल द्वारा करीब 3 साल पहले 59 हजार रुपए अधिकारी के बताए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दए गए थे। इसके बाद महेश अग्रवाल ने उसे एक महीने में आधार कार्ड मशीन चालू कराने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक साल तक कलेक्ट्रेट के चक्कर लगाने के बाद भी उसकी मशीन चालू नहीं हो सकी। इससे परेशान होकर उसने कलेक्टर से महेश अग्रवाल के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराकर निष्पक्ष जांच करने की मांग करते हुए पैसे वापस कराने की माग की है। 

कई लोगों से लिए पैसे :– राहुल ने अपने शिकायती पत्र में लिखा कि उसने जब इस संबंध में अन्य लोगों से चर्चा की तो पता चला कि ई-गवर्नेंस प्रबंधक महेश अग्रवाल ने इस तरीके से कई लोगों से पैसे लिए हैं। यह पैसा वह जिला कलेक्टर के नाम पर लेता है। फिलहाल शिकायतकर्ता द्वारा लगाए इन गंभीर आरोपों की जांच के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। वहीं, इन आरोपों से यह बात स्पष्ट हो चुकी है कि जिले में भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की लाख कोशिशों के बाद भी अधिकारी करप्शन नहीं छोड़ पा रहे हैं। 

बिना जांच के हो रहीं मशीनें बंद :– आधार कार्ड बनाने और ई-गवर्नेंस पेशे से जुड़े लोगों का आरोप है कि अधिकांश शिकायतें सेम प्रोफेशन से जुड़े लोग ही कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश शिकायतें तकनीकी रूप से निराधार, फर्जी और द्वेष भावना से भरी हैं। कुछ शिकायतकर्ताओं का उद्देश्य सिर्फ मशीनें बंद कराना है। शिकायतकर्ताओं को न तो इसके बारे में कोई तकनीकि ज्ञान नहीं है और न ही जनता की समस्याओं से कोई सरोकार है। शिकायकर्ताओं की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा इन शिकायतों पर बिना कोई निष्पक्ष जांच किए मशीनें बंद की जा रही हैं। साथ ही अपने परिचितों को मशीनों की एक्सिस दी जा रही है। यही कारण है कि जिला कलेक्ट्रेट ऑफिस में आए दिन आधार कार्ड बनाने के प्रोफेशन से जुड़े लोगों के खिलाफ मनगढ़ंत शिकायतें पहुंच रही हैं। 

ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा की जा रही इस प्रकार की कार्रवाई से शिकायतकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं। इससे शिकायतों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। हालात ये हैं कि जिले के कुछ ब्लॉक में एक भी आधार कार्ड मशीन एक्टिव नहीं है। वहीं कुछ ब्लॉक में मशीन चालू होने के 10-15 दिनों के बाद ही बंद कर दी जा रही है। मशीनें बंद होने के कारण ऑपरेटर को जहां आर्थिक नुकसान हो रहा तो वहीं आम लोगों को आधार कार्ड अपडेट कराने या नया कार्ड बनवाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आधार कार्ड से जुड़े सारे काम ठप्प हैं। जिले में ई-गवर्नेंस से जुड़े आधार कार्ड बनाने के काम को लेकर बंदरबांट का माहौल बना हुआ है।

इस मामले को लेकर ई-गवर्नेंस प्रबंधक महेश अग्रवाल का कहना है कि मेरे ऊपर लगाए सारे आरोप निराधार है, मैंने ऐसा किसी भी प्रकार का लेन–देन नही किया।

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