



दमोह – नगर पालिका के कुप्रशासन का एक ताजा उदाहरण शहर के हृदय स्थल घंटाघर पर देखने मिल जायेगा जहाँ से 100 मीटर की दूरी पर 9 अवैध दुकानों का निर्माण अतिक्रमणकारियों ने रातों रात कर लिया, जिसे अब नगर पालिका वैध कराने के लिए पुर जोर कोशिश में लगी है। नगर पालिका सीएमओ निशिकांत शुक्ला का कहना है कि वह नगर पालिका की ही दुकानें है, जिनकी लीज बढ़ाए जाने की कार्यवाही प्रचलन में है। बताया जा रहा है कि संबंधित पुराने टपरों तक की लीज नही है और उन्हीं अतिक्रमणकारियों ने नई पक्की दुकानें बना डाली, महीनों पहले नगर पालिका सीएमओ ने अतिक्रमण हटाने के लिए कहा था बावजूद अब उन्हें लीज देकर उनके अवैध निर्माण को वैध करने की तैयारी कही न कही जिम्मेदारों की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह है।
Read also-: अपनों के छोड़े गैरों के तोड़े..! हृदय स्थल घंटाघर अतिक्रमण की चपेट में, सीएमओ बोले देख लेंगे

इस मामले की सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज भी कराई गई थी जिसका एक महीने बाद भी निराकरण नही हुआ और इसी बीच सीएमओ नगर पालिका भी सीएम हेल्पलाइन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों के साथ सम्मानित हो गए। लेकिन इस बार प्रशासन की निष्पक्षता सवालो के घेरे में है। इस वर्ष जिले में नगरीय प्रशासन विभाग की लगभग 523 शिकायतों को फ़ोर्स क्लोज (जबरदस्ती बंद करना) किया गया, जिनमे 46 शिकायतें अवैध कब्जे , अवैध निर्माण और नक़्शे को अनाधिकृत रूप से वैध किये जाने संबंधी भी शामिल थी।

23 अगस्त को कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य ने सीएम हेल्पलाइन में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया था जिसमे नगर पालिका में सीएमओ निशिकांत शुक्ला भी सम्मानित हुये थे। नपा दमोह के सीएमओ ने जुलाई माह दर्ज हुई 436 शिकायतों मे से 309 का निराकरण किया था। निराकरण कितना सही था कितना गलत इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि विगत दिन नगर पालिका में काम करने वाले 2 कर्मचारियों और पूर्व पार्षद कफील कुरैशी के बीच मारपीट का मामला सामने आया है। विवाद थाने पहुंचा और आरोपी को जेल की हवा भी खानी पड़ी आरोपी पार्षद का कहना था कि उनके वार्ड की सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें नगर पालिका द्वारा फर्जी तरीके से बंद ना की जाएं। यह कहने के लिए जब वह नपा कार्यालय गए तो वहां मौजूद कर्मचारी गुस्से में आ गए और उन्होंने गाली गलौज करना शुरू कर दिया। इसके बाद उनके बीच हाथापाई हो गई।

नगर पालिका के अधिकारियों का दोहरा चरित्र तब और उजागर होता है कि अतिक्रमण हटाने के लिए सिर्फ शहर के ह्रदय स्थल घंटाघर के पास एक दुकान पर बुलडोजर चला कर शांत हो गए जबकि 100 मीटर की दूरी पर स्थित मिठयाई लाईन में अतिक्रमण अपने पैर पसार चुका था। यहाँ पर लीज और स्वीकृति के बिना 9 पक्की दुकाने बना ली गई। वहीं बूंदाबहू मंदिर की अतिक्रमण हटने के बाद खाली हुई जगह पर ट्रस्ट द्वारा बनाई जा रहीं दुकान की स्वीकृत न होने पर नगर पालिका ने म.प्र. नपा अधिनियम 1961 की धारा 187 (1) उलंघन मान रही है और ट्रस्ट के विरुद्ध उप धारा 187(8) के तहत दंडात्मक कार्यवाही कर निर्माण कार्य तोड़ने का नोटिस जारी किया गया है। नगर पालिका का यह दोहरा रवैया शहर में चल रही चर्चाओं को बल देता है कि शायद किसी व्हाइट कालर नेता के इशारे में नपा के अधिकारी नाच रहे है।
Read also-: जिन निर्माण कार्यों का होना था निरीक्षण सिविल सर्जन ने वहां डलवा दिए ताले, नोटिस जारी
दूसरी तरफ यह चर्चा भी जोरो पर है कि कुछ लोगों के इशारे में नगर पालिका कठपुतली की तरह नाच रही है और उसके सिक्को की खनक के चलते अतिक्रमण हटाने की कार्रवाही को अंजाम नही दिया जा रहा है। सूत्रों की माने तो शहर के ह्रदय स्थल घंटाघर के पास स्थित मिठयाई लाईन में अतिक्रमण के लिए किसी व्हाइट कलर नेता ने दुकान का निर्माण कराने के नाम पर प्रत्येक दुकान से दो लाख रूपये लिए हैं। जिससे नगर पालिका के अधिकारियों को सेट कर बिना स्वीकृत और लीज के यह अवैध अतिक्रमण करवाने मौका दे दिया है जिसे अब वैध करने की प्रक्रिया नगर पालिका में चल रही है।
अब देखना होगा कि क्या नगर पालिका इस अवैध अतिक्रमण को हटाने की कार्यवाही करती है या चुपचाप इनको लीज स्वीकृति और निर्माण स्वीकृति की अनुमति देने में मदद करती है..?