भोपाल- नगरीय निकाय चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। जल्द ही चुनाव की तारीखों का एलान भी कर दिया जाएगा। नगरीय निकाय के चुनाव में इतिहास में पहली बार पार्षद पद के नेताओं को भी अपने चुनावी खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन नियम होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के इस फैसले के बाद चुनावों में पानी की तरह पैसा बहाने की परंपरा पर कुछ हद तक रोक लगेगी। आयोग साफ किया है की नगरीय निकाय चुनाव में पार्षद का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को अपनी चुनावी खर्च का ब्योरा देना होगा। इसके लिए नियम बना दिए गए हैं।
चुनाव की तारीख के 30 दिन के अंदर प्रत्याशी या उसके अधिकृत एजेंट जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव में व्यय किए गए पैसों का लेखा-जोखा देंगे। उम्मीदवार द्वारा जिला निर्वाचन अधिकारी को दिए गए चुनावी खर्च के व्योरे में गलत जानकारी देने पर उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव निरस्त करने और अयोग्य ठहराने की भी कार्रवाई की जा सकती है। ग़ौरतलब है कि प्रदेश में अभी तक पार्शदों के लिए चुनावी खर्च की कोई सीमा नहीं थी।
आवश्यक जानकारी
प्रदेश के 344 निकाय क्षेत्रों में 1 जनवरी 2020 की वोटर लिस्ट के अनुसार मतदान कराए जाएंगे जिसमें लगभग डेढ़ करोड़ से अधिक मतदाता मतदान करेंगे। इस चुनाव में राज्य के कुल 16 नगर निगम, 75 नगर पालिका और 253 नगर परिषद में चुनाव संपन्न होंगे।