Nishpaksh Samachar
ताज़ा खबर
अन्यग्रामीण भारतताज़ा खबरनारद की नज़रप्रादेशिकराजधानीराजनीति

नारद की नजर:- पंचमी के दिन नारी शक्ति के मत से होगा उपचुनाव का निर्णय

nishpaksh samachar

मां स्कंदमाता की उपासना के साथ होगा उपचुनाव

दमोह. दमोह उपचुनाव का मतदान इस बार मां जगत जननी के चैत्र नवरात्र पर होने जा रहा है। यह दिन धार्मिक मान्यताओं में महत्वपूर्ण दिन है। जहां यह नवरात्र का पांचवा दिन है, वहीं यह दिन स्कंदमाता का कहलाता है, जो कार्तिकेय का दिन भी माना जाता है। साथ ही इस दिन की मान्यता श्रीराम राज्य महोत्सव के रूप में भी मानी जाती है। नारद की नजर तारीख और उस दिन की तिथियों पर इसलिए पड़ी क्योंकि वह महत्वपूर्ण दिन है। उस पुरातन गाथा का का जुड़ाव चुनाव से नहीं है लेकिन जिस दिन वोटिंग हो रही है, उस दिन की पौराणिक कथा प्रस्तुत कर रहे हैं, अब जनता जनार्दन इस कथा को चुनाव से जोडऩा चाहे तो उसकी मर्जी, नारद तो सिर्फ पौराणिक कथा कह रहे हैं और कहते आएंगे… नारायण, नारायण, नारायण

यह भी पढ़ें :- नारद की नजर:- दमोह उपचुनाव में होगा त्रिभुजी मुकाबला

नवरात्र की पंचमी तिथि को स्कंदमाता का पूजन किया जाता है। यह मां दुर्गा का पांचवा स्वरूप है। भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र का नाम है स्कंद है, जिन्हें कार्तिकेय के नाम से भी जाना जाता है। इस कारण इन्हें स्कंदमाता कहते हैं। नारद पौराणिक कथा के अनुसार कहते हैं कि तारकासुर नामक राक्षस था। जिसकी मृत्यु केवल शिव पुत्र से ही संभव थी। तब मां पार्वती ने अपने पुत्र भगवान स्कंद कार्तिकेय को दूसरे नाम से युद्ध के लिए प्रशिक्षित करने स्कंद माता का रूप लिया और उन्होंने भगवान स्कंद को युद्ध के लिए प्रशिक्षित किया था। स्कंदमाता से युद्ध प्रशिक्षण लेने के पश्चात् भगवान स्कंद ने तारकासुर का वध किया था।

यह भी पढ़ें :- रूठे नही माने तो होगा त्रिकोणीय मुकाबला… ,स्थानीय मुद्दे और प्रत्याशी के चेहरे भी डालेंगे असर.!

अब वर्तमान में तारकासुर राक्षस रूपी कई समस्याएं जनता जनार्दन और मां दुर्गा की उपासना करने वाली नारी शक्ति के बीच हैं, जिससे नारद को दिव्य ज्ञान से दिख रहा है कि इस बार जगत जननी की भक्ति करने वाली शक्ति अधिक से अधिक मतदान करते हुए समस्याओं रूपी तारकासुर को समाप्त करने के लिए मतदान करेगी।

यह भी पढ़ें :- चुनाव से गायब होते स्थानीय मुद्दे 

दमोह उपचुनाव में स्वीप प्लान बढ़ाने निर्वाचन आयोग ने भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की कलश यात्रा निकाली जो महिलाओं के लिए अधिक से अधिक मतदान करने की जागरुकता की ओर बड़ा कदम था। कलश को दूसरे स्वरूप में घट के रूप में देखा जाता है, जो नवरात्र पर घर-घर विराजमान होते हैं, इसलिए 17 अप्रेल को होने वाले मतदान में नारी शक्ति के मत का निर्णय ही चुनावी जीत हार को तय करेगा, ऐसा जान पड़ता है।

पढ़ते रहें निष्पक्ष समाचार: नारायण, नारायण, नारायण

Related posts

MP उपचुनाव 2021: सीएम शिवराज के इन Tweet से लग रहा है कि दमोह बीजेपी में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है!

Nishpaksh

प्रवासी भारतीय सम्मेलन का समापन सत्र में आज राष्ट्रपति इंदौर पहुंचे

Nishpaksh

भाजपा प्रत्याशी के सामने चचेरे भाई चप्पल लेकर खड़े हो गए…, चप्पल को लेकर नए पैतरे के साथ सामने आए वैभव

Nitin Kumar Choubey

Leave a Comment