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सिंगौरगढ़ क्षेत्र को नेशनल ट्राईबल टूरिज्म हब के रुप में करें विकसित – राष्ट्रपति कोविन्द

राष्ट्रपति ने कहा मानवता की जड़ों से जुड़ना है, तो जनजातीय जीवन शैली को अपने जीवन में उतारें, मेड इन इंडिया के साथ हैण्ड मेड इन इंडिया को प्रोत्साहित करें। जनजातीय बंधुओं को योजनाओं का लाभ दिलाकर आधुनिक विकास में भागीदार बनायें

दमोह – दमोह जिले के लिये आज का दिन एैतिहासिक रहा। गौरवशाली विरासत को सहेजें। सिंगौरगढ़ के किले के संरक्षण कार्य के शिलानयास और राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में शामिल होने के लिये देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द सिंग्रामपुर पहुंचे। यहां उन्होने पर्यटन की संभावनाओं के विस्तार के उद्देश्य से सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में शामिल हुये। इस अवसर पर राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन राज्यमत्री स्वतंत्र प्रभार प्रहलाद पटेल, केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात फग्गन सिंह कुलस्ते, नगरीय विकास विभाग मंत्री भूपेन्द्र सिंह और जनजातीय कार्य विभाग मंत्री मीना सिंह मांडवे भी मौजूद रहीं। कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का मुख्यमंत्री चौहान ने गौंड़ कलाकार आनन्द श्याम द्वारा बनाई गई गौंड़ कलाकृति भेंट कर सम्मान किया।

जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये राष्ट्रपति श्री कोविन्द ने कहा कि जनजातीय भाई-बहनों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। जनजातीय समुदाय ने समाज को हमेंशा एकता मूलक बनाने की दिशा में जोर दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि जनजातीय समुदायों में परम्परागत ज्ञान का अक्षय भण्डार संचित है। उन्होने मध्यप्रदेश में एक विशेष पिछड़ी जनजातीय समूह बैगा समुदाय का उल्लेख करते हुये कहा कि इस समुदाय के लोग परम्परागत चिकित्सा के विषय में बहुत जानकारी रखते हैं। प्रायः वे असाध्य रोगों का अचूक इलाज भी करते हैं।

मेड इन इंडिया के साथ-साथ हैण्ड मेड इन इंडिया को भी प्रोत्साहित करने की बात राष्ट्रपति ने कही। उन्होने कहा कि हस्तशिल्प के क्षेत्र में हमारे आदिवासी भाई-बहन अद्भुत कौशल के धनी हैं। एैसा प्रयास किया जाना चाहिये जिससे उनके हस्त शिल्प के उत्पादों को अच्छी कीमत और व्यापक स्तर पर बाजार मिल सके।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने जनजातीय सम्मेलन में जनजातियों के ज्ञान को आधुनिक माध्यम से प्रसारित करने की आवश्यकता पर बल दिया। जनजातीय सम्मेलन को संबोधित करते हुये राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश में किये जा रहे कार्यों की सराहना की। शासन की योजनाओं की जानकारी भी राष्ट्रपति ने अपने उद्बोधन में दी। उन्होने कहा कि आदिवासी महिला सशक्तिकरण योजना अनुसूचित जनजाति विकास के लिये विशेष योजना है।

राष्ट्रपति श्री कोविन्द ने अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस की अग्रिम शुभकामनायें सभी महिलाओं को दीं। उन्होने कहा कि हम जानते हैं पूरे विश्व में 8 मार्च को अर्न्तराष्ट्रीय महिला दिवस के रुप में मनाया जाता है। यह दिन पूरे विश्व में महिलाओं के महिला सशक्तिकरण के लिये संकल्पबद्ध होने का दिन है।

अपने संबोधन में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को भी राष्ट्रपति ने स्मरण किया। उन्होने कहा कि सबसे पहले अटल बिहारी बाजपेयी ने ही भारत सरकार में जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया था।

सिंगौरगढ़ परिक्षेत्र नेशनल ट्राईबल टूरिज्म हब के रुप में विकसित किया जा सकता हैै। यह बात भी सिंग्रामपुर में आयोजित राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन व सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य के शिलान्यास कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने कही। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय राज्य मंत्री संस्कृति एवं पर्यटन प्रहलाद पटेल को इस दिशा में प्रयास करें। राष्ट्रपति ने कहा कि सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण के लिये किये जा रहे कार्यों से भविष्य में यह क्षेत्र पर्यटन की दृष्टि महत्वपूर्ण होगा। इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार भी मिलेगा।

राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन को राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल ने भी संबोधित किया। उन्होने कहा कि जीवन जीने की कला हमारे जनजातीय भाइयों के पास है। समूह में जीना, कदम से कदम मिलाकर चलना, कठिनाइयों में भी जिंदगी में जुनून भरना उनके जीवन का मूल मंत्र है। वे कला और संस्कृति की समृद्ध विरासत को संजोए हुए हैं। इस अवसर पर राज्यपाल ने जोर देते हुये कहा कि ऐसे अनेक लोग हैं जिन्हें जंगल में पड़ी हुई जड़ी बूटियों के अंदर औषधीय ताकत की पहचान है। उनके ज्ञान को सहेजना और जिस मेडिकल साइंस को दुनिया समझती है उसमें प्रस्तुत करना और उसका विश्व बाजार में कैसे उपयोग हो सकता, इस दिशा में चिंतन किया जाना चाहिए।

राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी संबोधित किया। उन्होने कहा कि रानी दुर्गावती की गौरव गाथा कोई नहीं भूल सकता। उनके पराक्रम ने उनके विरोधियों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

कार्यक्रम में सिंग्रामपुर की ऐतिहासिक विरासत को प्रदर्शित करती वीडियो फिल्म का प्रदर्शन हुआ। इसके साथ ही रानी दुर्गावती की वीरगाथा पर एकलव्य विद्यालयों के विद्यार्थी सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी कार्यक्रम में दी गई। साथ ही शास्त्रीय संगीत के ख्यातिलब्ध कलाकार सौंड़क ने भी अपनी प्रस्तुति दी। फिल्म एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की सराहना भी अपने उद्बोधन में राष्ट्रपति ने की।

राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में जनजातीय विभाग की पुस्तिका ‘‘बानगी’’ का विमोचन भी किया गया। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान पुस्तिका का विमोचन इसकी पहली प्रति राष्ट्रपतिद श्री रामनाथ कोविन्द को भेंट की।

सिंग्रामपुर में आयोजित राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने सिंगौरगढ़ किले के संरक्षण कार्य का शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के नये गठित किये जबलपुर मण्डल को भी लोकार्पित किया। इस अवसर पर उन्होने जिले में पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने की दृष्टि से 23.16 करोड़ रुपए की राशि के लिए स्वीकृत कार्यों का भी शिलान्यास किया।

इसमें बेलाताल झील में पर्यटन अवसंरचना विकास कार्य होगा। पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए इस परियोजना में पेयजल सुविधाएं, रेन शेल्टर, पार्किंग क्षेत्र, जिम क्षेत्र, योग-स्थल, समारोह के लिए खुला उद्यान, ओपन एयर थिएटर, सीसीटीवी प्रणाली, सोलर पैनल प्रणाली, सूदनियर शॉप, सार्वजनिक सुविधाएं, फूड कोर्ट, कलात्मक पैदल-पय, पानी के फव्वारे, बच्चों के खेलने का क्षेत्र, मार्ग, रसोई सहित बहू-प्रयोजन हाल आदि शामिल हैं। इस परियोजना से स्थानीय रोज़गार पैदा होगा और इस क्षेत्र में पर्यटक आगमन में वृद्धि होगी।

राज्यस्तरीय जनजातीय सम्मेलन को केन्द्रीय राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार संस्कृति एवं पर्यटन श्री प्रहलाद पटेल ने भी संबोधित किया। केन्द्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री ने राष्ट्रपति के प्रति आभार व्यक्त किया।

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