निष्पक्ष समाचार दमोह – वैज्ञानिक संत आचार्य श्री निर्भय सागर महाराज संघ सहित राजीव कॉलोनी दमोह में विराजमान है 24 फरवरी को आचार्य श्री का 59वां जन्म दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन अभिषेक एवं आशीष ने किया। पाठशाला के बच्चों के द्वारा किया गया संगीतमय मंगलाचरण सभी के दिल को छू गया। जब बच्चों ने कहा पत्थर को मोती कर दिया यह उपकार तेरा है गिरते को तुमने थाम लिया यह उपकार दे रहा है
आचार्य श्री ने धर्म उपदेश करते हुए कहा जीवन रूपी सरिता जन्म और मरण रूपी दो किनारों के बीच में कल-कल बहती है जीवन में कलह नहीं होना चाहिए मानव जन्म उसी का सार्थक है जिसने अपने जीवन में तीर्थ यात्रा की हो दया दान पूजा जप तप शास्त्र अध्ययन एवं परोपकार का कार्य किया हो जिसने यह कार्य किया है उसका बर्थडे मनाना सार्थक है लेकिन जिसने यह 8 कार्य ना किए हो उनका बर्थडे मनाना व्यर्थ है
जन्मदिवस पर माता-पिता को स्मरण करना चाहिए जन्म दिवस माता-पिता को स्मरण करने का दिवस है। जिसने अपने जीवन में संयम को धारण किया हो उसका जीवन पूज्य बन जाता है इसलिए साधु का जन्म दिवस अवश्य मनाना चाहिए आचार्य श्री ने कहा अच्छा काम करोगे तो अच्छी गति मिलेगी बुरा काम करोगे तो बुरी गति मिलेगी यदि विश्वास ना हो तो किसी बावड़ी में जाकर ध्वनि करके देखो जैसी ध्वनि करोगे वैसी प्रतिध्वनि मिलेगी।
मुनि श्री सोमदत्त सागर महाराज ने कहा यदि गुरु का जन्म नहीं होता तो हम शिष्यों का कल्याण नहीं होता। गुरु का जन्म जन जन के कल्याण के लिए होता है। क्षुल्लक चंद्र दत्त सागर जी ने कहा जीवन में कार्य ऐसे करना चाहिए कि बर्थडे व्यर्थ डे ना बने।