नीति आयोग के आकांक्षी जिला दमोह में “सक्षम बिटिया अभियान” की हुई शुरुआत
दमोह:- “सक्षम बिटिया अभियान” की हुई शुरुआत जिसके माध्यम से शिक्षा से वंचित या अनियमित छात्राओं को पुस्तकों से जोड़े रखना संभव हो सकेगा। कलेक्टर तरुण राठी के मार्गदर्शन से “सक्षम बिटिया अभियान” का संचालन नीति आयोग की सहयोगी संस्था पीरामल फाउन्डेशन द्वारा किया जाना है| देश भर में अनेक संस्थाओं द्वारा किये गए विविध सर्वेक्षणों से ये बात प्रमुखता से उभर कर समक्ष आई है की शालाओं के बंद होने का सर्वाधिक नकारात्मक प्रभाव शाला जाने वाली छात्राओं पर हुआ है| आजीविका तथा घरेलु कार्यों के चलते उनकी शिक्षा प्रभावित हुई है तथा पुस्तकों से उनके जुडाव को सतत बनाये रखना बेहद अहम मुद्दा है| कोरोना महामारी के दस माह के लॉकडाउन दौरान सबसे अधिक छात्राएं ही प्रभावित हुईं है | छात्राओं के ड्राप-आउट दर में कमी हो और उनका सामाजिक, भावनात्मक और नैतिक विकास हो इसके लिए “सक्षम बिटिया अभियान” की शुरुवात की गयी है |
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कलेक्टर तरुण राठी ने जिलें में विधिवत इस अभियान की शुरुवात की है | नीति आयोग की रिपोर्ट में यह पाया गया है की लॉकडाउन में सबसे अधिक असर छात्राओं की शिक्षा पर ही पड़ा | इसी बात को ध्यान में रखते हुए, नीति आयोग के आकांक्षी जिलों में पीरामल फाउन्डेशन द्वारा छात्राओंकी शिक्षा के लिए “सक्षम बिटिया अभियान”की शुरुवात की है |
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पीरामल फाउन्डेशन, जिला प्रतिनिधि श्री विवेक तिवारी ने बताया नीति आयोग के मार्गदर्शन में आकांक्षी जिला अंतर्गत चल रहे कार्यक्रम के तहत छात्राओं की शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए “सक्षम बिटिया अभियान” की शुरुवात की है | जिसके अंतर्गत गाँव की ग्रेजुएट और अंडरग्रेजुएट छात्राएं अपने आसपास की छात्राओं को किताबो से जोड़े रखने की जिम्मेदारी ली है | अभियान के माध्यम से प्रत्येक शाला क्षेत्र से 2-2 वालंटियर्स का चयन किया जाना है | जिनका प्रशिक्षण पीरामल संस्था द्वारा किया जाना है | प्रशिक्षण के उपरांत ये वालंटियर्स अपने शाला क्षेत्र की पहली से 8 वीं कक्षा में अध्यनरत बच्चियों को मोहल्ला कक्षाओं से नियमित जोड़े रखने में शिक्षकों के सहयोगी के रूप में कार्य करेंगी |
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इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एच.एन.नेमा एवं जिला परियोजना अधिकारी पी.के. रैकवार ने बताया की यह अभियान न सिर्फ छात्राओं को किताबों से जोड़े रखने में मदद करेगा अपितु नई शिक्षा नीति -2020 के अनुसार सुझाये गए उद्देश्यों का अनुसरण करते हुए – वैज्ञानिक चिंतन और रचनात्मक कल्पना शक्ति के साथ-साथ साहस और करुणा जैसे नैतिक मूल्यों को विकसित करने में मदद करेगा |