



दमोह – लंबे समय से उपेक्षा की मार झेल रहा शहर का ऐतिहासिक फुटेरा तालाब के चारों ओर फैली गंदगी इसे दूषित कर रही है। गंदगी को लेकर समाजसेवियों ने आवेदन देकर अनेक बार अपनी शिकायत दर्ज कराई है। परंतु जिम्मेदार अधिकारियों ने उनकी एक न सुनी, तब फुटेरा वार्ड नंबर 5 के मांझी समाज के लोगों ने देवी विसर्जन के लिए तालाब को साफ करने का बीड़ा उठा लिया।

आज से समाज के दर्जनों युवाओं ने फुटेरा तालाब की सफाई करने का अभियान चलाना शुरू कर दिया उक्त सराहनीय काम में बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक सक्रिय रहे और आने वाले कुछ दिनों में तालाब को बड़े स्तर तक साफ करने की बात कही मांझी समाज के युवाओं का उदेश्य है कि नवरात्री के समापन तक दुर्गा विसर्जन करने के लिए साफ सुथरा घाट उपलब्ध कराया जा सके।

नवरात्रि प्रारंभ होने से पहले पितृपक्ष में शहर के लोग अपने पूर्वजों को याद करने के साथ फुटेरा तालाब में तर्पण के लिए जाते हैं लेकिन इस बार तालाब के आसपास कुछ देर के लिए खड़ा होना मुश्कित था और सनातनी हिंदू दूषित पानी से आचमन भी करते रहे।

सिंघाड़ा की खेती के बाद छोड़ी गई जलकुंभी तालाब को दूषित कर रागी गई जिसके कारण तालाब से बदबू आती है। प्रशासन बारिश का पानी सहेजने के लिए जोर तो देता है लेकिन फुटेरा तालाब के घाटों की गंदगी साफ न होने से पानी बदबूदार हो गया है।

दमोह नगर के तालाब- दमोह नगर चारों ओर 5 निस्तारी तालाब हैं। नगर की उत्तर दिशा को फुटेरा तालाब है। फुटेरा तालाब गौंड शासनकालीन है। दूसरा तालाब तुगलक शासनकालीन है जिसे पुरैना तालाब कहा जाता है। तीसरा तालाब दीवान की तलैया कहलाती है जिसे मराठा हाकिम दीवान बालाजी ने बनवाया था। बालाजी दीवान की पत्नी इसी तलैया के किनारे सती हुई थी। चौथा तालाब वेला तालाब कहा जाता है। यह तालाब अंग्रेजी शासनकाल का है। यहां का पांचवा तालाब राजनगर तालाब कहा जाता है इसका प्राकृतिक दृश्य बड़ा मनोरम है।