



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सुशासन की बात करें या उसे धरातल पर लाने के लिए लाख योजनाएं बनाएं परंतु जिला स्तर पर कार्यरत अमला मुख्यमंत्री के योजना को किस तरह चपत लगा रहा है उसके दमोह में अनेक उदाहरण देखने मिल जायेंगे।

दमोह – आज दमोह विधायक अजय टंडन ने अफसरशाही को लेकर अपना दर्द बयां किया। क्षेत्र की जनता सैकड़ों की संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचकर अपनी परेशानी से अफसरों को सुनाते है। लेकिन ऐसे अनेक मामले है, जिनमे जनता को केवल आश्वाशन ही मिलता है। मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई की भी ऐसी ही हालत है। कभी कभी दमोह बिधायक अजय टंडन को खुद कलेक्ट्रेट के बाहर जन चौपाल लगाकर लोगों की समस्या को सुनना पड़ता है।
लोग बड़ी संख्या में अपनी समस्याएं लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान कुछ ऐसे लोग भी पहुंचे जो इससे पहले भी कई बार प्रशासन को अपनी शिकायतें बता चुके, लेकिन कोई कारवाई नहीं हुई है। ऐसे ही कुछ लोग दमोह विधायक अजय टंडन के घर पहुंच गए और उन्हें अपनी समस्या सुनाई। जिस पर विधायक ने जनसुनवाई व्यवस्था पर ही सवाल खड़े कर दिए।
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बिधायक ने कहा ग्रामीण रोज ही समस्या लेकर आते है और कलेक्ट्रेट में हर मंगल बार को जनसुनवाई होती है जब जनसुनवाई में कोई इन लोगों की बात को नहीं सुनता इनको केवल कागज थमा दिया जाता है, हर कागज का महत्त्व होता है लेकिन जब उस पर कोई कारवाई नही होती तो लोग उनके पास पहुँचते हैं।
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उन्होंने बताया कि जामुन हटरी गाँव में जो नौरादेही अभ्यारण अंतर्गत हैं इस गाँव का विस्थापन होना है, परन्तु आज तक विस्थापित परिवारों को उचित मुआवजा नही मिला और न ही कोई आदेश मिला है। जिस समय विस्थापित परिवारों की सूचि बनाई जा रही थी, उस समय 18 साल से कम उम्र के बच्चों का नाम छोड़ दिया गया था। आज वह बच्चे 18 वर्ष की उम्र पूर्ण कर चुके हैं। जिनका अपना एक परिवार है। अभी तक पहले बनाई गई सूची के अनुसार विस्थापित परिवारों को मुआवजा तक नही मिला। अब जब मुआवजा राशी का वितरण हो तब इन 18 वर्ष की उम्र पूर्ण कर चुके वयस्कों को भी सूची में शामिल किया जाये इसके लिए उन्होंने अधिकारियों से बात कर उचित कार्रवाई करने की बात कही है।

गौरतलब हो कि राज्य शासन द्वारा कोविड-19 संक्रमण काल के दौरान बंद की गई जनसुनवाई आज पुनः प्रारंभ हुई। इस दौरान कलेक्टर एस कृष्ण चैतन्य सहित, अन्य ज़िला अधिकारी कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए जनसुनवाई में नगर सहित दूरस्थ आंचलों से आये लोगो की समस्याए सुनी। आयोजित जनसुनवाई में 32 आवेदन आयें। इन आवदनों को पंजीकरण उपरांत सबंधित विभागों को सौपा गया और समय-सीमा में निराकरण के निर्देश दिए गये।
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