Nishpaksh Samachar
ताज़ा खबर
अन्यग्रामीण भारतघटनाक्रमताज़ा खबरप्रादेशिकराजधानीराजनीति

मध्यप्रदेश में अलर्ट जारी, कोरोना के बाद अब यह वायरस खतरा बनकर मंडरा रहा

bird flu virus

बर्ड फ़्लू या पक्षी इन्फ्लूएंजा या पक्षी फ़्लू एक विषाणु जनित रोग है। यह विषाणु जिसे इन्फ्लूएंजा ए या टाइप ए विषाणु कहते हैं, आम तौर मे पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन कभी कभी यह मानव को भी संक्रमित कर सकता है, जब यह मानव को संक्रमित करता है तो इसे इन्फ्लूएंजा कहा जाता है। इन्फ्लूएंजा ए के कई प्रकार होते हैं जिन्हे सबसे पहले 1878 मे इटली में एक पक्षी में पाया गया था। इसके अधिकतर प्रकारो मे कई कमजोर लक्षण जैसे सांस लेने मे कठिनाई, जो आम जुकाम का भी एक लक्षण है, पाये जाते हैं। कुछ प्रकार के इन्फ्लूएंजा ए का संक्रमण पक्षियों को और कुछ का मनुष्य को मारने मे सक्षम होता है।  1918/1919 मे फैला इन्फ्लूएंजा जिसे स्पैनिश फ़्लू कहा गया था, लगभग 5 से 10 करोड़ लोगों की मृत्यु का कारण बना था।

जबलपुर – पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर प्रदेश में हो रही कौओं की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिये अलर्ट जारी कर दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने तथा किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये हैं। प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई. लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं। इंदौर में कंट्रोल-रूम की स्थापना कर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है।

पोल्ट्री और प्रवासी पक्षियों की विशेष निगरानी

जिलों में पदस्थ पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि कौओं की मृत्यु की सूचना प्राप्त होते ही जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के समन्वय से तत्काल नियंत्रण एवं शमन की कार्यवाही कर रिपोर्ट संचालनालय भेजें। तत्काल संबंधित स्थल का भ्रमण कर आसपास के क्षेत्रों में भी रोग उदभेद नियंत्रण एवं शमन की कार्यवाही सुनिश्चित करें। पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों एवं प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजें।
रोग नियंत्रण कार्य में लगे हुए अमले को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीपीई किट, एंटी वायरल ड्रग, मृत पक्षियों, संक्रमित सामग्री एवं आहार का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।

बर्ड फ्लू के लक्षण, पक्षियों पर नजर रखें

पशुपालन मंत्री ने कहा कि कौओं में पाया जाने वाला वायरस H5N8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: H5N1 होता है। श्री पटेल ने लोगों से अपील की है कि पक्षियों पर नजर रखें। यदि पक्षियों की आँख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, आँखों से रिसाव हो रहा है, कलगी और टांगों में नीलापन आ रहा है, अचानक कमजोरी, पंख गिरना, पक्षियों की फुर्ती, आहार और अंडे देने में कमी दिखाई देने के साथ असामान्य मृत्यु दर बढ़े, तो सतर्क हो जायें। इसे कदापि छुपाएँ नहीं, वरना यह परिवार के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक हो सकता है। पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें।

बर्ड फ्लू सर्विलांस का काम जारी

पशुपालन मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू सर्विलांस का काम जारी है। प्रदेश के कुक्कुट फार्म, कुक्कुट बाजार, जलाशयों आदि की सतत निगरानी की जा रही है। कौओं और पक्षियों के नमूने एकत्र कर स्टेट डी.आई. लैब, भोपाल के माध्यम से भारतीय उच्च सुरक्षा, पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (NIHSAD) भोपाल को नियमित भेजे जा रहे हैं। जिलों में जिला प्रशासन, पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग आदि के समन्वय से रोग नियंत्रण कार्यवाही जारी है।

Related posts

मध्यप्रदेश: शराब के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ा, मधुशाला को गौशाला में बदलूंगी: उमा भारती

Admin

कार्यकाल बीत रहा हटा विधायक को नहीं पता ब्लाॅक में कौन है अधिकारी, बजट सत्र में जनता से जुड़ा मुददा न उठाकर पूंछा महिला बाल विकास में कौन है अधिकारी

Nitin Kumar Choubey

कोविड-19 के दौरान पुलिस ने बेहतर काम कर मानवता और परोपकार का संदेश दिया- प्रहलाद पटेल

Nishpaksh

Leave a Comment