एक हजार चीतल लाने की है तैयारी, अफ्रीकन चीतों के लिए एक दो दिन में फिर आएगा डब्लूआईआई का सर्वे
दमोह: प्रदेश के सबसे बड़े नौरादेही वन्य अभ्यारण्य जो कि तीन जिलों की सीमा में फैला हुआ है यहां पर अफ्रीकन चीताें के लिए तैयार हाे रहे नाैरादेही अभयारण्य में बाघ-बाघिन और जवां हाेते तीन शावकाें के लिए ही पर्याप्त आहार नहीं मिल पा रहा है। वे भूखे न रहे इसलिए दूसरी सेंचुरी से जानवर लाए जा रहे हैं।
नाैरादेही में पेंच अभयारण्य से अभी तक 63 चीतल आ चुके हैं। करीब 1000 चीतल लाने की तैयारी है। जंगल में कई बार शिकार लायक जीव नहीं मिल पाते। इस स्थिति में उनके लिए पर्याप्त आहार नहीं मिल पाता।
इस संकट काे दूर करने के लिए नाैरादेही वन मंडल ने शावकाें के जन्म के बाद पेंच अभयारण्य से 1000 चीतल लाने की डिमांड भेजी थी। दाे शिफ्ट में 63 चीतल आ चुके हैं। जल्द कुछ और चीतल आने वाले हैं।
नाैरादेही के प्रभारी डीएफओ नवीन गर्ग ने बताया कि दाे-तीन दिन पहले ही मैंने नाैरादेही का चार्ज लिया है। पेंच से चीतल लाए जा रहे हैं। इस संबंध में वन अधिकारियाें से जानकारी ले रहा हूं। बाघाें के लिए आहार की कमी नहीं हाेने देंगे इन्होंने बताया कि अफ्रीकन चीताें की शिफ्टिंग के लिए डब्ल्यूआईआई का सर्वे दल एक-दाे दिन में नाैरादेही पहुंचेगा। दूसरी बार दाैरे पर आ रहे देहरादून के वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट करीब 1 महीने तक यहां रुकेंगे और चीताें के अभयारण्य में बसेरे के लिए संभावनाएं तलाशेंगे वहीं दाे महीने पहले भी देहरादून से सर्वे करने के लिए टीम आई थी जो कि अब दूसरी बार सर्वे होगा