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नारद की नजर:- दमोह उपचुनाव में होगा त्रिभुजी मुकाबला

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लोधी व ब्राह्मण के साथ भाजपा के वोट में सेंध लगाने की तैयारी

दमोह:- दमोह उपचुनाव का नगाड़ा बज चुका है। योद्धा भी मैदान में उतरने के लिए सज रहे हैं। सेना भी तैयार हो रही है, लेकिन दमोह का उपचुनाव इस बार त्रिभुजी मुकाबला की दिशा में बढ़ता दिखाई दे रहा है। दमोह जिले में दलित वोट बैंक के बाद सबसे बड़े वोट बैंक लोधी व ब्राह्मण हैं। जो अभी भाजपा के माने जा रहे हैं, लेकिन इनमें सेंध लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।

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अब योद्धाओं के नाम भी सामने आने लगे हैं भाजपा से राहुल सिंह लोधी हैं तो कांग्रेस से अजय टंडन के नाम की मुहर लगाई जाना मानी जा रही है। वहीं भाशचेपा ने महिला उम्मीदवार उमा सिंह लोधी को उम्मीदवार बनाया है जो 38 हजार लोधी वोट बैंक में सेंध लगाने की भूमिका निभाएंगी। वहीं ब्राह्मण वोट बैंक व हिंदुवादी कट्टर भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए शिवसेना से राज पाठक मैदान में उतर रहे हैं।

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नारद की नजर में यह तो शुरुआती शतरंज की विसात बिछती हुई सामने दिख रही है। असली चाल तो तब सामने आएगी जब दमोह की भाजपा के राजा माने जाने वाले मलैया स्वयं मैदान में उतरेंगे या अपने वजीर सिद्धार्थ को निर्दलीय मैदान में उतारेंगे। तब यह लड़ाई त्रिभुजी मुकाबला बन जाएगा।

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नारद अपनी दिव्य दृष्टि से देख रहे हैं कि 2021 का चुनाव दमोह के इतिहास में लिखा जाएगा। क्योंकि इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी भले ही राहुल सिंह के रूप में मतदाताओं को नजर आएंगे लेकिन पर्दे के पीछे से चुनाव मुकाबले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मैदान में राजा के रूप में स्वयं चालें चलेंगे।

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नारद को अपने दिव्य ज्ञान से यह भी पता चल रहा है कि यह लड़ाई भविष्य, भूत और वर्तमान की लड़ाई है। जिसमें जनता जनार्दन को कई से अपना हिसाब बराबर करना है। जिसका पूरा मौका जनता को मिलने वाला है क्योंकि चुनावी समीकरण इस तरह के बन रहे हैं कि सब्र किसी को नहीं है सबको लग रहा है कि मत चूको चौहान की तर्ज पर मैदान पर उतरना चाहिए नहीं तो यह वक्त चला जाएगा। बस यही सब्र का बांध इस चुनाव में दमोह की जनता टूटता हुई अपनी आंखों से देखने वाली है जो दमोह के लोगों के लिए नैन सुख की तरह सुहानी लगने वाली है।

इंतजार करें फिर मिलेंगे.. नारायण, नारायण, नारायण

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