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किनोवा अत्यंत मूल्यवान एवं लाभकारी फसल

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टीकमगढ़-: कृषि विज्ञान केन्द्र, टीकमगढ़ की 25 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 25 वीं वैज्ञानिक परामर्शदात्री समिति के मुख्य अतिथि संचालनालय विस्तार सेवायें जनेकृविवि, जबलपुर के प्रोफेसर टीआर शर्मा एवं अध्यक्ष अधिष्ठाता कृषि महाविद्यालय टीकमगढ़ डॉ. यूके तिवारी के द्वारा किनोवा की फसल का अवलोकन कर सराहा गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ बीएस किरार एवं वैज्ञानिक डॉ. यूएस धाकड ने बताया कि किनोवा एक अत्यंत मूल्यवान पोषक तत्वों से भरपूर अनाज है, जो ग्लूटोन रहित होने के कारण सुपाच्य है और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। किनोवा की फसल को रबी के मौसम में उगाया जाता है, जिसका नबम्बर माह का समय बुबाई के लिये उपयुक्त है। इसकी बीज दर 3 से 5 किलो प्रति है. है तथा उपज लगभग 5 से 10 किवंटल प्रति है. है। इसके लिए बलुई एवं दोमट भूमि उपयुक्त होती है।

उन्होंने बताया इसका उपयोग गेहूं, चावल एवं सूजी की तरह खाने में किया जाता है। किनोवा का औषधि महत्व अधिक है, क्योकि किनोवा में प्रोटीन 22 प्रतिशत तक पाया जाता है। यह प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है, इसमें कम कैलोरी की मात्रा पाई जाती है जो कि कुपोषण को दूर करने में सहायक है तथा वजन को घटाने में भी मदद करता है। किनोवा से खून की कमी को भी दूर किया जा सकता है, बालों और त्वचा के लिए लाभदायक है, हड्डियों को मजबूत करता है, एंटी एजिंग का कार्य भी करता है, दर्द और सूजन को भी दूर करता है, शरीर का विशाख्तीकरण करने में सक्षम है, कैंसर, दिल की बीमारी एवं मधुमेह को भी नियंत्रित करता है। शरीर में स्वस्थ उतकों के विकास को बढ़ाने में सहायक है पाचन में लाभदायक एवं मेटाबोलिजम में सुधार करता है।

किनोवा को आश्चर्जनक भोजन माना जाता है क्योंकि इसमें इसमें प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा होती है। इसके पत्तों को भाजी एवं सलात बनाकर खाया जा सकता है। यह कम पानी एवं कम खर्च में अधिक लाभ देने वाली फसल है। इसमें कीटव्याधि का प्रकोप कम होता है, किनोवाकी फसल पालेओर सूखे को भी सहन करने में सछम है। इसके बीज का बाजार मूल्य लगभग 500 से 700 रूपये प्रति किलोग्राम है। किनोवा का उपयोग अधिक से अधिक करें, जिससे की बीमारी से बचा जा सके। इस अवसर पर केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह, डॉ, आरके प्रजापति, डॉ. एसके खरे, डॉ. बीके दीक्षित, डॉ. आरएस रघुवंषी, डा. डीएस तोमर एवं डॉ. आईडी सिंह भी उपस्थित रहे।

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