नारद की नजर दमोह उपचुनाव पर
विधानसभा उपचुनाव की गर्माहट मतदाताओं के बीच न होकर कार्यकर्ताओं के बीच होती हुई नजर आ रही है। भाजपा ने बाहरियों को हर जगह तैनात कर दिया है, जिससे स्थानीय कार्यकर्ताओं को यह खलने लगा है।
नारद की नजर भाजपा कार्यालय के अंदर पहुंची जहां स्थानीय यानि दमोह के कार्यकर्ता और बाहरी यानि टीकमगढ़ के पदाधिकारी के बीच कहा सुनी होती हुई हाथापाई की नौबत आ गई, हालांकि भाजपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने बीच बचाव कर लिया। लेकिन 25 सेकंड के इस घटनाक्रम ने यह उजागर कर दिया कि भाजपा खेमे में ठीक नहीं चल रहा है।
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दरअसल अब पूरा मामला कार्यकर्ताओं के अस्तित्व की लड़ाई का शुरू हो गया है। स्थानीय कार्यकर्ताओं पर बाहरियों का इतना वजन रख दिया है कि वह हिल डुल भी नहीं पा रहे हैं। जिससे स्थानीय के लिए छोटी सी बात भी नागवार गुजर रही है।
वाक्या यह है कि स्थानीय कार्यकर्ता भाजपा कार्यालय में सामग्री का वितरण कर रहे थे। इसी दौरान टीकमगढ़ के महामंत्री जल्दी-जल्दी सामग्री मांगने लगे। जिस पर स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा कि आप बैठिए मैं लगातार काम पर लगा हूं और हिल डुल नहीं पा रहा हूं। जिस पर टीकमगढिय़ां जो अपने आपको प्योर बुंदेलखंडी मानते हैं, अपने अंदाज में तेवर दिखाए तो स्थानीय बुंदेलखंडी कार्यकर्ता भी कमजोर नहीं था उसने आव देखा न ताव एक घूंसा जड़ दिया। टीकमगढिय़ां पलटवार करता इसस पहले दोनों को कार्यकर्ताओं ने पकड़ लिया और बीच बचाव कर दोनों गर्म कार्यकर्ताओं को ठंडा कराया गया।
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भाजपा के अंदर यह एपीसोड भले ही देखने और सुनने में छोटा है, लेकिन अंदर ही अंदर स्थानीय और बाहरियों के बीच तनातनी का माहौल है। बाहरियों का ज्यादा वजन रखे जाने से यहां के कार्यकर्ता भले ही पार्टी का ईमानदारी से झंडा उठाए हुए भाजपा को जीत दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन पर इस तरह नजर रखी जा रही है कि वह भितरघात न कर दें। स्थानीय कार्यकर्ताओं के मन में यही बातें दबी हैं, जिससे स्थानीय की जरा सी वजनदारी यहां का कोई भी कार्यकर्ता सहन नहीं कर पा रहा है।
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अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के अलावा संगठन के बड़े पदाधिकारी भी यहीं पर मौजूद हैं। संगठन के आधार पर जांच की जाएगी। दोष निकाला जाएगा, लेकिन इन संगठन के पदाधिकारियों को स्थानीय व बाहरियों के बीच बिगड़ते हुए समन्वय बिठाना आवश्यक है, नहीं तो उनकी रणनीति विफल होने में देर नहीं लगेगी।