असम के मुख्यमंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) के संयोजक हिमंत बिस्वा सरमा ने सोमवार को विश्वास जताया कि बीजेपी त्रिपुरा में 2018 की तुलना में अधिक सीटों के साथ सरकार बनाएगी। विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने के दौरान सरमा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा के साथ अगरतला में संवाददाताओं से कहा, “बीजेपी ने त्रिपुरा की एकता के लिए अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। लेकिन हां, आईपीएफटी हमारी सहयोगी है और रहेगी, लेकिन बीजेपी इस बार अपने दम पर सरकार बनाएगी।”
16 फरवरी को मतदान होगा
उन्होंने आगे कहा कि 2018 के चुनावों के दौरान डर का माहौल था। आज शांति का माहौल है। त्रिपुरा के लोग चाहते हैं कि यह शांतिपूर्ण माहौल विकास के लिए बना रहे।’ बता दें कि
त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए 16 फरवरी को मतदान होगा। वर्ष 2018 में, बीजेपी और उसके सहयोगी आईपीएफटी ने सीपीआई (एम) से सत्ता छीन ली थी और त्रिपुरा में अपनी पहली सरकार बनाई थी। इस बार बीजेपी 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी पांच सीटों पर आईपीएफटी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। आईपीएफटी ने वर्ष 2018 के चुनावों में नौ में से आठ सीटों पर जीत हासिल की थी।
नामांकन से पहले प्राचीन त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्री अमित शाह और हिमंत बिस्वा सरमा ने हाल ही में टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्योत देब बर्मा के साथ गठबंधन के लिए बातचीत की थी, लेकिन मोथा ने “ग्रेटर टिपरालैंड” की अपनी मांग को पूरा करने के लिखित आश्वासन के बिना प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। सरमा ने कहा कि, मुख्यमंत्री माणिक साहा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों और विकास कार्यों को देखकर लोग बीजेपी को अधिक वोट देंगे। सरमा और साहा ने नामांकन पत्र दाखिल करने से पहले प्राचीन त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा की। विपक्षी सीपीआई (एम) और कांग्रेस भी सीट बंटवारे की व्यवस्था के साथ चुनाव के लिए तैयार हैं, जो त्रिपुरा के राजनीतिक इतिहास में पहली बार है।