



दमोह – सागर जिले से जबलपुर की ओर जाने के लिए शहर के समीप बाईपास बन चुका है जिससे अब यात्रियों को शहर के भीतर प्रवेश नहीं करना पड़ता है। परंतु सागर की ओर से आने पर पहले मोड़ पर लगे साइन बोर्ड/फिंगर बोर्ड पर जबलपुर जाने के लिए गलत दिशा का निशान बने होने के कारण प्रतिदिन यात्री भटक जाते है और अगले मोड़ पर दाहिने ओर बालाकोट गांव की तरफ चले जाते है, जबकि जबलपुर जाने के लिए उन्हें सीधे जाना चाहिए पर गलत संकेतक की वजह से वे भटक जाते है।
आश्चर्य यह है कि इस जंक्शन पर हाल ही में बना एक मार्ग दमोह से बालाकोट की ओर भी जाता है औऱ इस चौराहे पर अक्सर दुर्घटना भी होती रहती है पर अभी तक यहां किसी भी तरह का सावधान सूचक और दिशा सूचक बोर्ड नहीं लगाया गया है। समीप के ग्राम दिगम्बर पिपरिया के पंच मुकेश यादव का कहना है कि सड़क तो बन गई पर बोर्ड/ संकेतक न होने से लोग भटक जाते है और एक्सीडेंट भी बहुत होते है रात्रि में यहां से निकलना औऱ भी जोखिम भरा काम है क्योंकि यहां प्रकाश की व्यवस्था भी नहीं है न ही सड़क किनारे रेडियम लगाए गए है।

इस चौराहे पर चाय-नाशते की छोटी सी दुकान चलाने वाले चलाने वाले संतोष यादव का कहना है कि सुबह से शाम तक यात्रियों को रास्ता बताते-बताते थक जाते है क्योंकि बाईपास के शुरू में ही जबलपुर जाने के लिए गलत दिशा बोर्ड पर बनी हुई है जिससे यात्री बालाकोट गांव की तरफ चले जाते है।इस संबंध में जब दमोह-बालाकोट सीसी सड़क निर्माण कार्यप्रबन्धन देख रहे ए.श्रीवास्तव से बात कि तो उनका कहना था कि दमोह से बालाकोट मार्ग पर जल्द ही साइन बोर्ड लगवा दिए जाएंगे।
“दमोह-बालाकोट सड़क अभी बन रहा है आगे भी बोर्ड लगेंगे और जंक्शन पर भी बोर्ड लगाना है” :- एस. कालरा, प्रबंधक एमपीआरडीसी