



दमोह- मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजेपी देशभर में ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम आयोजित करा रही है। जिसमें कोरोना संक्रमण की परवाह किए बिना ही सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हो रहे हैं। रविवार को पथरिया में भी सेवा ही संगठन कार्यक्रम के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें नगर के युवाओं ने रक्त दान किया। इस कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल भी शामिल हुए और उनके साथ बीजेपी के कई नेता मौजूद रहे जो कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाते नजर आए पूरे कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग कहीं भी देखने को नहीं मिली। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते जिलेभर में किसी भी तरह के राजनीतिक व धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध लगा हुआ है और संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रशासन कहीं भी भीड़ नहीं जुटने दे रहा है। लेकिन बीजेपी के लिए किसी भी गाइडलाइन की कोई परवाह नहीं है।
जिले में लागू है 144 धारा
जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए दमोह जिले की राजस्व सीमा में धारा 144 लगाई गई है। जिसकी पालना के लिए पुलिस विभाग और प्रशासन के कर्मचारी मिलकर संयुक्त रूप से कोरोना की गाइडलाइन की पालना कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा हैं। ऐसे में सत्ताधारी पार्टी के लोग ही विभिन्न कार्यक्रम के माध्यम से लोगों को इकठ्ठा करके कोरोना की गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं। बीजेपी के इन कार्यक्रमों से कोरोना की चेन तोड़ना मुश्किल साबित हो सकता है।

सार्वजनिक कार्यक्रमों पर है रोक
कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए सरकार एक तरफ सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा रही है वहीं राजनीतिक दल अपने कार्यक्रमों में लोगों की भीड़ जुटा रहे हैं। रविवार को पथरिया में मोदी सरकार के 7 साल पूरे होने पर कोरोना गाइडलाइन धज्जियां उड़ाते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ‘सेवा ही संगठन’ कार्यक्रम के तहत रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
कोरोना गाइडलाइन की उड़ाई गईं धज्जियां
एक तरफ शासन प्रशासन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को लेकर मशक्कत कर रहा है वहीं तरफ ओर भाजपा के इस आयोजन में सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाई गई। पूरे कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया गया। भीड़ में लोग एक दूसरे से सटकर खड़े थे। ऐसे में भारत सरकार और जिला कलेक्टर के आदेशों की अवहेलना की गई।

कोरोना की चेन तोड़ना होगा मुश्किल
कोरोना गाइडलाइन के दोहरे मापदंडो और राजनीतिक कार्यक्रमों के इस तरह के आयोजनों से कोरोना वायरस की चेन तोड़ना मुश्किल हो सकता है। कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग एक हथियार के रूप में देखी जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए सरकारी ऑफिस अपने 50-60 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम कर रहे हैं वहीं निजी क्षेत्रों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दे रखी है ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के इस तरह के आयोजन कहीं सरकार के किए धराए पर पानी न फेर दे।

अंतिम संस्कार में 20 लोगों को अनुमति
एक तरफ जहां किसी अंतिम संस्कार में 20 से ज्यादा लोगों के शामिल होने की इजाजत प्रशासन नहीं दे रहा है वहीं भाजपा के इस कार्यक्रम में 100 से अधिक लोगों की उपस्थिति प्रशासन के दोहरे मापदंड की गवाही दे रहे हैं। आम लोगों को जहां प्रशासन इकठ्ठा होने के लिए रोकता है तो वहीं केंद्रीय राज्य मंत्री की मौजूदगी में हुए इन कार्यक्रमों में व्यवस्थाएं करते हुए नजर आता है।