



नारद की नजर दमोह उपचुनाव पर
दमोह विधानसभा में हो रहे उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के चाचा हरि सिंह के पुत्र वैभव सिंह लोधी ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है। उन पर तरह-तरह से दवाब बनाया जा रहा है, जिस पर उन्होंने पुलिस सुरक्षा मांगी थी, जो उन्हें मिल गई है। अब उन्होंने चुनाव आयोग से जूता, चप्पल और सीटी चुनाव चिह्न की मांग की है।
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दरअसल इस उपचुनाव मे बीजेपी और कांग्रेस के कैंडिडेट से अलग, निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में उतरे वैभव सिंह लोधी अपने वैभव से सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। हिंडोरिया राजघराने से ताल्लुक रखने वाले वैभव देश भर में चल रहे ओबीसी आंदोलन के प्रणेता रहे हैं और भाजपा के प्रत्याशी राहुल सिंह लोधी के चचेरे भाई हैं।
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ज्यादातर लोग इन्हें भाई के विरोधी बता रहे है तो वैभव अपने जन हितैषी मुद्दों पर चुनाव में कूदना बता रहे हैं खास बात ये है कि ये अपना चुनाव चिन्ह जूता या चप्पल मिलने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं इनका मानना है कि हर मतदाता के हांथो में जूता होना चाहिए जिससे उनका नेता जनता के मनमुताबिक काम करे, तभी इस घिनौनी मौकापरस्त राजनीति में परिवर्तन लाया जा सकता है।
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वैभव जूता, चप्पल के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने का प्रयास कर रहे हैं, हालांकि इनका यह प्रयास उस वाक्य को भी ध्यान में रखा गया है, जब कांग्रेस विधायक राहुल सिंह दमोह से गए थे और 2 माह बाद भाजपा के खेमे में आकर पहली बार दमोह आए थे। जिनका स्थानीय राय चौराहे पर चप्पलों की माला और स्याही से स्वागत की असफल कोशिश की गई थी और लोकतंत्र के बिगड़े स्वरूप का खुला विरोध सामने आया था।
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अब भले ही वैभव को चुनाव आयोग उनका पसंदीदा निशान न दे, लेकिन वह दल बदल के विरोध के लिए अपने तरीके से बात कह गए हैं, अब जनता है कि इस बात को किस तरीके से स्वीकारती है। वैभव सिंह जनता जर्नादन के अंदर दबी चिंगारी को हवा देने का काम भी कर रहे हैं।
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भाजपा प्रत्याशी राहुल सिंह का मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन से हो रहा है, जो शहर में चंदू चाचा नाम से प्रख्यात रहे चंद्र नारायण टंडन के पुत्र हैं। वहीं उनके चाचा के पुत्र वैभव सिंह निर्दलीय मैदान में आ गए हैं जो उनके लिए टेंशन ज्यादा बढ़ा रहे हैं। उनकी टेंशन इसलिए भी बढ़ रही हैं कि वह उनकी सधी 38 हजार वोटों में सेंध लगाने का कारण बन सकते हैं, जिससे वह चाह रहे हैं कि वैभव नामांकन वापस लें ले लेकिन वैभव है कि रोज नया पैतरा से टेंशन देने का प्रयास कर रहे हैं।
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