मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों से हाथ जोड़कर माफी मांगी हैा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को प्रवासी भारतीय सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में प्रवासी भारतीयों से हाथ जोड़कर माफी मांगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मेरा मन भावनाओं से भर गया है। तीन दिन आपके पास रहा। इंदौर आपके साथ एक रूप हो गया है।
आपको बता दें कि सोमवार को 70 देशों के करीब 3500 एनआरआई पर्यटक सम्मेलन में हिस्सा लेने इंदौर पहुंचे थे, लेकिन रजिस्ट्रेशन और पहचान पत्र होने के बावजूद उन्हें कार्यक्रम हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया। अपने साथ हो रहे व्यवहार से बहुत खफा थे और उन्होंने मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जिम्मेदार ठहराया। सीएम ने कहा कि सिस्टम में कोई खराबी नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी की लोकप्रियता ऐसी थी कि हॉल छोटा हो गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन से इंदौर, मध्य प्रदेश और पूरे भारत में चर्चा चल रही है। यह कार्यक्रम केवल सरकार के लिए नहीं था। लेकिन इंदौर की जनता इस कार्यक्रम में पूरे मन से शामिल हुई। प्रधानमंत्री कहते थे कि इंदौर स्वच्छता और स्वाद की राजधानी है। इंदौर जनभागीदारी और जनभागीदारी की राजधानी भी है। जाने से पहले हमने आपको ग्लोबल गार्डन में पेड़ लगाने को कहा। प्रत्येक देश के एक प्रतिनिधि ने एक पौधा लगाए।
एनआरआई भड़क गए थे
पीएम मोदी का संबोधन सुनने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी कार्यक्रम स्थल पर जमा हो गए थे। लेकिन उन्हें मुख्य हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया, कहा जाता था कि मुख्य हॉल खचाखच भरा हुआ था और अंदर जगह नहीं थी। दरअसल, इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के मुख्य हॉल में, जहां मोदी को एनआरआई को संबोधित करना था, करीब 70 देशों के 3200 एनआरआई सुनने आए थे, लेकिन उन्हें मुख्य हॉल में प्रवेश नहीं करने दिया गया और बाहर ही रोक दिया गयाष जिससे एनआरआई भड़क गए और जमकर अपना गुस्सा निकाला।