



चुनावी वर्ष 2023 में मध्यप्रदेश स्मार्ट हो जायेगा. राज्य के मुख्य शहरों के लिए 11 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना में चल रहे हैं। नवंबर तक इनमें से कई काम पूरे हो जाएंगे। इसके तहत स्मार्ट क्राउड मैनेजमेंट, स्मार्ट पार्किंग, स्मार्ट इनक्यूबेशन सेंटर बनाए जायेंगे।
आगामी चुनाव को लक्ष्य में रखकर राज्य सरकार द्वारा 1 से 15 फरवरी तक अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण किया जाना है। इनमें से कई स्मार्ट प्रोजेक्ट है। यहां लगभग 15 हजार करोड़ खर्च हो चुके हैं।
चुनाव को ध्यान में रखकर जो भी प्रोजेक्ट हाल चल रहे है, उन्हे जल्दी पूरा करने का लक्ष्य है। वर्तमान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सबसे ज्यादा 55 प्रोजेक्ट जबलपुर में हैं। लेकिन लागत की दृष्टि से इंदौर से बहुत पीछे है।
इंदौर में 3642 करोड़ के 33 प्रोजेक्ट हैं। वहीं जबलपुर के प्रोजेक्ट 2572 करोड़ के हैं।
उज्जैन में जहां महाकाल लोक कॉरिडोर बनने के बाद स्मार्ट क्राउड मैनेजमेंट होना है, वहीं सभी बड़े शहरों में स्मार्ट पब्लिक बाइसिकल शेयरिंग प्रोजेक्ट लाए जाने हैं। ऑटोमैटिक पब्लिक टॉयलेट विथ वाटर-एटीएम के कांसेप्ट जैसे प्रयोग भी बड़े शहरों में होना है। इसमें दुनिया की बेस्ट स्मार्ट तकनीक को इन शहरों में लाया जाना है।
जनता के लिए सरकार स्मार्ट मीटरिंग ला रही है। बिजली में प्री-पेड व पोस्टपेड मीटर और पानी के लिए स्मार्ट मीटर लगेगा। सरकारी पेमेंट अब डिजिटल हैं। किसान का पूरा रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन हो चुका है। सारी योजनाओं के भुगतान डिजिटल मोड में हैं। मंडी में आने के लिए एसएमएस सर्विस है। विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, विभिन्न योजनाओं की सब्सिडी व सामाजिक क्षेत्र में सहायता डिजिटल मोड में है। सरकारी सिस्टम में ई-ऑफिस लागू किया है। वहीं सीएम हेल्पलाइन और सीएम डैशबोर्ड को चैटबोर्ड से जोड़कर और भी नए ऑप्शन के साथ अपग्रेड किया जाना है। इससे समस्याओं का निराकरण भी स्मार्ट होगा। हाल 806 प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी परियोजना में है। 417 प्रोजेक्ट अब तक पूरे हो चुके और 232 प्रोजेक्ट अभी चल रहे।