छतरपुर – छतरपुर जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए शासन की मंशी के रूप में टीबी के मरीजों की पहचान और उपचार शिविर लगाने की तैयारी जिला प्रशासन द्वारा पूरी कर ली गई है। छतरपुर कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने कहा की जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए सभी के सहयोग एवं प्रयास की जरूरत है। कलेक्टर कार्यालय के सभागार में ‘टीबी फॉर एंड नेशनल’ क्षय उन्मूलन कार्यक्रम की बैठक ले रहे थे
कलेक्टर ने राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में हुई गतिविधियों की समीक्षा की और टीबी बीमारी के उन्मूलन के लिए जागरूकता आंदोलनों को संचालित करने और ग्राम स्तर तक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। साथ ही निक्षय पोषण योजना के तहत उपचाररत रोगियों के बैंक खाते में 500 रुपये प्रतिमाह दी जाने वाली राशि की जानकारी भी दी। टीबी के रोगियों को इसका लाभ पहुंचाने के लिए उनके आधार, खाता नम्बर और मोबाइल नम्बर की जानकारी भी अपडेट करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि फील्ड वर्कर द्वारा मरीजों की पहचान के बाद संबंधित व्यक्ति का सही समय पर उपचार और दवा का सेवन करना जरूरी है, जिससे मरीज सामान्य जीवन फिर ठीक से व्यतीत कर सकता है। उन्होंने कहा कि रोगी की काउंसलिंग और संक्रमण से बचाव के बारे में जानकारी देना भी आवश्यक है। निजी अस्पताल के चिकित्सक टीबी के लक्षण वाले रोगियों को संबंधित अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र भिजवाएं। कलेक्टर ने टीबी की बीमारी से पूरी तरह ठीक हुए मरीजों से बात की और उपस्थित लोगों से सुझाव भी लिए।
बैठक में मौजूद जिला टीबी रोग विशेषज्ञ अधिकारी डाॅ शरद चैरसिया ने बताया कि जिले में इस साल जांचे गए 3 हजार 586 नमूनों में से 535 व्यक्ति टीबी पाजिटिव पाए गए हैं। जिले में 4 टीबी यूनिट और 17 डीएमसी सेंटर कार्यरत हैं। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष कलावती अनुरागी, सीएमएचओ डाॅ। सतीश कुमार चौबे, सिविल सर्जन डाॅ। लक्ष तिवारी सहित निजी चिकित्सक और फोर्स के सदस्य और भागीदारों ने भाग लिया।