समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश सरकार पर सवालिया निशान लगाते हुए दावा किया है की उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार पूंजी निवेश लाने के लिए इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर सिर्फ शोर मचाने का काम कर रही है और इसका नतीजा शून्य आना है। सपा प्रमुख ने कहा कि इसके पूर्व जो निवेशक सम्मेलन हुए उसका ‘रिजल्ट कार्ड’ कहां है? सपा नेता ने कहा कि पिछली बार भी भाजपा सरकार ने इसी तरह से जोर-शोर के साथ ‘इन्वेस्टर्स समिट’ किया था और लाखों करोड़ रुपये के एमओयू हस्ताक्षरित होने का दावा किया था लेकिन जमीन पर कोई निवेश दिखाई नहीं दिया है। अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि जब देश से पूंजीनिवेश नहीं हुआ तो मंत्रियों, अधिकारियों को विदेशों की सैर कराई गई।
गौरतलब है कि फरवरी माह में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘इन्वेस्टर्स समिट’ का आयोजन किया जा रहा है। इस इन्वेस्टर्स समिट के सिलसिले में ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी बृहस्पतिवर को मुंबई में मौजूद थे। इस दौरान समाजवादी पार्टी द्वारा जारी एक बयान में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा,‘‘मुख्यमंत्री जी स्वयं मुंबई में उद्योगपतियों को उत्तर प्रदेश में लाने के लिए मनाने गए हैं। उत्तर प्रदेश के हालात देखकर यहां कोई भी उद्योगपति और व्यापारी निवेश को तैयार नहीं है। पूंजी निवेश के मामले में भाजपा सरकार हवा में ही लाठियां भांजती नज़र आ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री ने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा की भाजपा सरकार की गलत नीतियों से प्रदेश विकास के मामले में लगातार पिछड़ता जा रहा है। यादव ने दावा किया कि हाल में वित्तीय वर्ष 2021-22 की विकास दर को लेकर देश के सभी राज्यों का जो आंकड़ा आया है, उसमें उत्तर प्रदेश सबसे नीचे पहुंच गया है। यादव ने कहा कि निवेश के लिए देश और दुनिया में अपने मंत्रिमंडल के साथ भटक रहे मुख्यमंत्री आदित्यनाथ अपनी सरकार के छह वर्षों के कार्यकाल में औद्योगिक नीति को ही नहीं स्पष्ट कर पाए।